फिल्म रिव्यू: मालिक
कलाकार: राजकुमार राव, मानुषी छिल्लर, प्रोसेनजीत चटर्जी, सौरभ शुक्ला
निर्देशक: पुलकित
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
Maalik Review: 'स्त्री 2' और 'भूल चुक माफ' से हाल ही में दर्शकों को खूब हंसाने और डराने वाले राजकुमार राव अब एक बिलकुल अलग अवतार में नजर आ रहे हैं. इस बार वो एक ऐसे किरदार में हैं जो उनके अब तक के रोल्स से काफी हटकर और दमदार दिख रहा है. उनकी मचअवेटेड फिल्म 'मालिक' आज यानी कि 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलिज हो गई है. फिल्म के दमदार ट्रेलर को दर्शकों की तरफ से शानदार रिस्पॉन्स मिला है. ऐसे में फैंस इस फिल्म का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. तो चलिए आपको बताते हैं कि ये फिल्म फैंस की उम्मीदों पर खरी उतर पाई है या नहीं.
कहानी
मालिक में एक साधारण से लड़के के गैंगस्टर बनने की दिलचस्प कहानी दिखाई गई है, जिसका किरदार फिल्म के हीरो राजकुमार राव ने निभाया है. पहले जो लड़का कमजोर और आम इंसानों की तरह था, अब वही गुंडागर्दी के दम पर ताकतवर बन चुका है. शुरुआत में तो उसे सिर्फ ताकत चाहिए थी लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, उसकी जिंदगी में खून खराबा और पावर की भूंख घर कर जाती है. वो हर गैरकानूनी काम खुल्लमखुल्ला करता है, और इतना ताकतवर बन जाता है कि पुलिस तक उसके पैर छूती है. उसे किसी का डर नहीं है.
अब उसके पास सबकुछ है-पैसा, रुतबा और डर पैदा करने वाली छवि. प्रयागराज की गलियों से उठकर, ये लड़का अपने दम पर ऐसा ‘मालिक’ बनता है, जिसकी ताकत के आगे सिस्टम भी झुकता है. वहीं देखते ही देखते बन जाता है, अपराध की दुनिया का 'Maalik'. लेकिन कहानी बस इतनी ही नहीं है, पावर के साथ-साथ उसकी लाइफ में कई सारी चुनौतियां भी आती हैं. खतरनाक और हिंसा से भरी जिंदगी में वो इतना डूब चुका है कि उसकी दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती हैं. उसकी एक निजी जिंदगी भी है- उसकी फैमिली, जिससे वो जुड़ा हुआ है. लेकिन अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि कई बंदूकें उसकी जान के पीछे लग चुकी हैं.
एक्टिंग
राजकुमार राव अपने करियर के सबसे रॉ और इन्टेंस अवतार में नजर आते हैं. ‘स्त्री 2’ और ‘भूल चुक माफ’ जैसी फिल्मों में दर्शकों को हंसाने और डराने के बाद, इस बार वो पूरी गंभीरता और वजन के साथ पर्दे पर छा जाते हैं. उनका लुक, बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी हर फ्रेम में असर छोड़ती है.
मानुषी छिल्लर ने भी अच्छा काम किया है. वहीं सौरभ शुक्ला, प्रोसेनजीत चटर्जी जैसे कलाकार फिल्म को एक्टिंग के स्तर पर और भी मजबूती देते हैं.
डायरेक्शन
डायरेक्टर पुलकित ने प्रयागराज की पृष्ठभूमि को बखूबी उभारा है- वो गलियां, देसी तमंचा, राजनीति की चालें और बाहुबली स्टाइल एक्शन- सब कुछ रॉ और असली लगता है.
कैमरा वर्क, बैकग्राउंड म्यूज़िक और एडिटिंग फिल्म की गति को मजबूती देते हैं. क्लाइमैक्स तक फिल्म दर्शकों को पकड़ कर रखती है.
फिल्म की ताकत
राजकुमार राव का पावरफुल ट्रांसफॉर्मेशन
देसी राजनीति और अपराध की सच्चाई
तीखे डायलॉग्स और धुआंधार एक्शन
इमोशन और एक्शन का संतुलित मिश्रण
थोड़ी कमियां
सेकेंड हाफ थोड़ा प्रेडिक्टेबल हो जाता है
कुछ किरदार जल्दी ही गायब हो जाते हैं, जिनकी गहराई और बढ़ाई जा सकती थी
फाइनल वर्डिक्ट
'मालिक' सिर्फ एक गैंगस्टर ड्रामा नहीं है, ये एक इंसान की जिद, जुनून और जंग की कहानी है.राजकुमार राव ने फिर साबित किया है कि वो हर किरदार को जीते हैं, निभाते नहीं। पॉलिटिक्स, पावर और पर्सनल इमोशन्स के बीच झूलती ये फिल्म आपको सोचने पर मजबूर कर देगी.
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