The Taj Story: परेश रावल की फिल्म को मिला दिल्ली हाई कोर्ट का समर्थन, रोक पर सुनाई से इनकार

The Taj Story: परेश रावल की अपकमिंग फिल्म 'द ताज स्टोरी' को दिल्ली हाई कोर्ट का समर्थन मिल गया है. कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.

The Taj Story: परेश रावल की अपकमिंग फिल्म 'द ताज स्टोरी' को दिल्ली हाई कोर्ट का समर्थन मिल गया है. कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.

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Sezal Chand Thakur
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The Taj Story Photograph: (Social Media)

The Taj Story: परेश रावल की अपकमिंग फिल्म 'द ताज स्टोरी' काफी समय से सुर्खियों में बनी हुई है. फिल्म 31 अक्टूबर को देशभर में रिलीज होने जा रही है, लेकिन इससे पहले ही इस फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ. विशेष पाबंदियां लगाने की मांग की गई थी. ये याचिका अधिवक्ता शकील अब्बास और बीजेपी नेता रजनीश सिंह ने दायर की थी. वहीं, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म के मेकर्स का समर्थन किया है और याचिका को तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार दिया है. 

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याचिका में क्या कहा गया? 

 'द ताज स्टोरी' के खिलाफ याचिका में कहा गया है कि ये फिल्म ताजमहल से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का प्रयास कर रही है और इससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है. याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) और फिल्म के निर्माता सीए सुरेश झा, निर्देशक तुषार अमरीश गोयल, लेखक सौरभ एम. पांडेय और अभिनेता परेश रावल को पक्षकार बनाया था.याचिकाकर्ताओं ने फिल्म की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि ये  इतिहास को विकृत रूप में पेश कर सकती है और साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर सकती है.

दिल्ली हाइकोर्ट ने किया समर्थन

तुषार अमरीश गोयल द्वारा लिखित और निर्देशित और सुरेश झा द्वारा निर्मित फिल्म  'द ताज स्टोरी' की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका की त्वरित सुनवाई से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है. वहीं, फिल्म के निर्देशक तुषार अमरीश गोयल ने कहा- द ताज स्टोरी कल्पना या अफवाहों पर आधारित फिल्म नहीं है. हमारी टीम ने छह महीने तक गहन शोध, ऐतिहासिक परामर्श और प्रमाणित साक्ष्यों के आधार पर इसे बनाया है. CBFC ने भी हर पहलू को बारीकी से जांचने के बाद ही इसे मंजूरी दी है. हमारा उद्देश्य कभी किसी समुदाय को भड़काना नहीं था, बल्कि एक रिसर्च-आधारित दृष्टिकोण पेश करना था, जिससे लोग सोचें और चर्चा करें/ मैं दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले का सम्मान करता हूं.'

फिल्म के निर्माता ने क्या कहा? 

वहीं, निर्माता सीए सुरेश झा ने कहा- 'द ताज स्टोरी  पर लगाए गए सभी आरोप और दायर की गई PIL पूरी तरह निराधार हैं. हमने यह फिल्म पूरी ईमानदारी, जिम्मेदारी और अपने इतिहास के प्रति सम्मान के साथ बनाई है. हमारा मकसद केवल सच्ची कहानी को दुनिया तक पहुंचाना है, जो जिज्ञासा और संवाद को जन्म दे, ना कि विभाजन को.' मालूम हो कि रिलीज से कुछ दिन पहले ही बढ़ते विवादों के बीच ‘द ताज स्टोरी’ कला की स्वतंत्रता और ऐतिहासिक जवाबदेही के बीच टकराव का केंद्र बन गई है. फिलहाल परेश रावल, जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ और नमित दास जैसे कलाकारों से सजी ये फिल्म एक प्रखर सामाजिक नाटक है, जो निर्भीकता से यह प्रश्न उठाती है कि "स्वतंत्रता के 79 वर्षों बाद भी क्या हम बौद्धिक गुलामी से पूरी तरह मुक्त हो पाए हैं'

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