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raj kapoor-mukesh chand mathur Photograph: (Social Media)
Bollywood Singer Birth Anniversary: बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से सिंगर्स आए, जिन्होंने सदाबहार जैसे गाने दिए. लेकिन आज हम एक ऐसे सिंगर कि बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने हर दिल को छुआ और आज भी उनके गाने लोगों की जुबां पर रहते हैं. यूं तो इस सिंगर ने अपने जमाने के सभी लीड एक्टर्स के लिए गाने गाए, लेकिन सबसे ज्यादा उन्होंने शोमैन राज कपूर (Raj Kapoor) के लिए गाए हैं. यहां तक कि उन्हें राज कपूर की आवाज भी कहा जाता था. जब इनकी मौत हुए तो राज कपूर बुरी तरह टूट गए थे. चलिए जानते हैं कौन थे सिंगर.
कौन थे ये सिंगर?
हम बात कर रहे हैं, 'सावन का महीना', 'दोस्त-दोस्त ना रहा', 'जीना यहां मरना यहां', 'सजन रे झूठ मत बोलो', 'कहता है जोकर', 'दुनिया बनाने वाले', 'आवारा हूं' और 'मेरा जूता है जापानी' जैसे गानों को अपनी आवाज देने वाले दिग्गज सिंगर मुकेश चंद माथुर (Mukesh Chand Mathur) उर्फ मुकेश की. 22 जुलाई 1923 में दिल्ली में जन्में मुकेश फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक थे लेकिन वह सिंगर नहीं, एक फिल्मी हीरो बनना चाहते थे. उन्होंने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की, जिनमें 'निर्दोष', 'माशुका' और 'अनुराग' शामिल है. लेकिन ये तीनों ही फ्लॉप साबित हुई. इसके बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी.
राज कपूर संग हिट रही जोड़ी
मुकेश चंज माथुर को जिस गाने से पहचान मिली वो था, 'दिल जलता है तो जलने दे'. मुकेश ने उस समय के बड़े कलाकारों के लिए प्लेबैक सिंगिंग की थी जिनमें दिलीप कुमार भी थे तो अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और मनोज कुमार भी, लेकिन जिस कलाकार की वह आवाज बन गए वो राज कपूर थे.राज कपूर ने अपनी शुरूआती फिल्मों में खुद गाने गाए थे लेकिन जब उन्होंने मुकेश की आवाज सुनी तो उन्होंने कहा कि ये तो उनकी ही आवाज है और फिर दोनों ने मिलकर इतिहास रच दिया. मुकेश ने राज कपूर के लिए करीब 101 गाने गए.
मौत के बाद बिखर गए थे शौमेन
मुकेश जब अपने करियर के पीक पर थे तो साल 1976 में यूएस टूर पर गए थे. लेकिन उन्हें कहा पता था कि ये उनकी जिंदगी के आखिरी पल होंगे. 27 अगस्त को जब अमेरिका के मिशिगन में वो एक संगीत कार्यक्रम में गए थे. तो उन्हें हार्ट अटैक आ गया था और 53 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनके अचानक निधन से पूरा फिल्म जगत शोक में डूब गया. वहीं, राज कपूर पूरी तरह से बिखर गए थे. वो हमेशा कहा करते थे कि- 'मैं तो सिर्फ एक जिस्म हूं, हाड़-मांस मास का पुतला हूं, रूह अगर कोई है मुझमे तो वो मुकेश चंद है.' वहीं, मुकेश की मौत के बाद राज कूपर ने कहा था- 'मेरी आवाज और आत्मा दोनों ही चले गए.'
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