'Mrs' फिल्म में पितृसत्ता पर तंज, क्या अब बदलाव की बारी है? फिल्म डायरेक्टर आरती कादव का आया ये बयान

आरती कादव निर्देशित फिल्म 'Mrs' में एक साधारण दृश्य के जरिए पितृसत्ता पर गहरा प्रहार किया गया है. यह फिल्म महिलाओं की अनकही तकलीफों को उजागर करती है. जानिए कैसे यह कहानी समाज में बदलाव की जरूरत पर जोर देती है.

author-image
Gaurav Prabhakar
New Update
Mrs. director Arati Kadav Image

Mrs'फिल्म में पितृसत्ता पर तंज, क्या अब बदलाव की बारी है? Photograph: (Social Media)

हमारे समाज में महिलाओं के संघर्ष को अक्सर नज़रअंदाज किया जाता है. उनके दर्द, उनकी चुप्पी और उनकी इच्छाओं को सिर्फ एक जिम्मेदारी का हिस्सा मान लिया जाता है. निर्देशक आरती कादव की नई फिल्म 'Mrs' इसी मुद्दे पर जोर देती है. फिल्म में एक साधारण घरेलू समस्या के जरिए गहरी सामाजिक सच्चाई को दर्शाया गया है.

Advertisment

फिल्म की कहानी: घर की चारदीवारी में सिमटी एक औरत की दुनिया

'Mrs' की कहानी ऋचा नाम की एक महिला की है, जो शादी के बाद अपने सपनों और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के बीच फंसकर रह जाती है. एक महत्वाकांक्षी डांसर होते हुए भी उसे सिर्फ रसोई और घर के कामों तक सीमित कर दिया जाता है. यह सिर्फ ऋचा की नहीं बल्कि हर उस महिला की कहानी है, जो अपने अस्तित्व की तलाश में संघर्ष कर रही है.

निर्देशक आरती कादव, जो आमतौर पर साइंस फिक्शन फिल्मों के लिए जानी जाती हैं, इस बार नारीवाद और सोशल रियल्टी को लेकर आई हैं. उन्होंने इस फिल्म में अपने निजी अनुभवों को भी जोड़ा है, जिससे यह और भी प्रासंगिक बन जाती है.

साधारण दृश्य के पीछे छिपा गहरा अर्थ

फिल्म में एक ऐसा दृश्य है, जिसे निर्देशक पितृसत्ता का प्रतीक मानती हैं. एक मामूली सी दिखने वाली घरेलू समस्या को बड़े सामाजिक मुद्दे से जोड़ा गया है. आरती कदव का कहना है, 'यह फिल्म सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि दृश्य और भावनाओं से अपनी बात कहती है. महिलाओं की पीड़ा को समझने के लिए इसे महसूस करना जरूरी है.'

फिल्म में कई मौन क्षण हैं, जहां बिना संवाद के भी महिलाओं की चुप्पी और संघर्ष को प्रभावी रूप से दिखाया गया है.

व्यक्तिगत अनुभवों से गढ़ी गई वास्तविक कहानी

'Mrs' की कई घटनाएं निर्देशक की व्यक्तिगत यादों से प्रेरित हैं. एक दृश्य में ऋचा को खाना बनाते समय स्वाद चखने पर टोक दिया जाता है. यह वही समाज है, जहां महिलाओं को खाना बनाना तो सिखाया जाता है, लेकिन उस पर उनका अधिकार नहीं होता.

क्या यह फिल्म समाज को झकझोर पाएगी?

'Mrs' सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक प्रश्न है, एक विचार है, एक आंदोलन है. यह उन लाखों महिलाओं की कहानी है, जो अपनी इच्छाओं को दबाकर समाज की उम्मीदों पर खरी उतरने की कोशिश करती हैं.

अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह फिल्म समाज में कोई बदलाव ला पाएगी? या फिर यह भी सिर्फ एक चर्चा का विषय बनकर रह जाएगी?

ये भी पढ़ें: Shah Rukh Khan को मिल सकता था 'Hum Saath Saath Hain' में Saif Ali Khan का रोल, Director Sooraj Barjatya का खुलासा

bollywood news hindi Entertainment News Entertainment news Entertainment news in hindi Bollywood News
      
Advertisment