Mamta Kulkarni: ममता कुलकर्णी बाॅलीवुड की वो अदाकारा हैं, जो अपने बोल्ड लुक और अपनी खूबसूरती से लोगों के बीच खूब सुर्खियों में रही हैं. हालांकि उन्होंने ग्लैमर की मोह-माया को त्याग सन्यासी बनने का फैसला लिया. इसके बाद वह केन्या से 24 साल के बाद भारत लौटीं और यहां आकर उन्होंने महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ले ली. यहीं पर ममता ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर का पद भी हासिल किया. लेकिन एक एक्ट्रेस के महामंडलेश्वर बनते ही किन्नर अखाड़े में मानो महाभारत छिड़ गया. हर कोई उनके इस पद को लेकर आपत्ति जताने लगा, जिसके बाद अब हाल ही में किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया.
बता दें कि ममता के जीवन धारा और उनसे जुड़े विवादों को लेकर लोगों ने उन्हें निशाना बनाया था. इसके अलावा एक स्त्री को किन्नरों का महामंडलेश्वर बनाने पर भी लोगों ने सवाल उठाए था. ऐसे में आइए एक नजर डालते हैं ममता के महामंडलेश्वर बनने पर संतो द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर.
स्ववामी आनंद स्वरूप
शांभवी पीठाधीश्वर श्री स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 'किन्नर अखाड़े को मान्यता देकर पिछले कुंभ में महापाप हुआ था, जिस प्रकार की अनुशासनहीनता हो रही है, वो बहुत घातक है.'
बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनाने को लेकर कहा था कि 'कुछ व्यक्ति, जो कल तक सांसारिक भोग-विलास में लिप्त थे, अचानक संत बन जाते हैं या फिर उन्हें एक ही दिन में महामंडलेश्वर जैसी उपाधियां भी मिल जाती है. संतत्व को पाने में वर्षों की साधना लगती है, एक दिन में कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता है.
धीरेंद्र शास्त्री
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनाने पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि ' ये पदवी उसी को दी जानी चाहिए जिसके अंदर संत या साध्वी का भाव हो. हम खुद आज तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए हैं.'
जगतगुरु हिमांगी सखी
ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 'किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है?'
बालकानंद जी महाराज
निरंजनी आनंद अखाड़े के महामंडलेश्वर बालकानंद जी महाराज ने कहा था- महामंडलेश्वर पद अखाड़े का है. अखाड़े सब स्वतंत्र हैं.महामंडलेश्वर ऐसे ही किसी को नहीं बना सकते, पदवी देने से पहले ये देखा जाता है कि उस व्यक्ति का चरित्र कैसा है? किस तरह से उसकी जीवन धारा है, उसकी दिनचर्या क्या रही है.
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