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Karan Johar Personality Rights
Karan Johar Personality Rights: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है. अब लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में भी AI का यूज करते हैं. लेकिन, एक तरफ जहां ये टेक्नोलॉजी वरदान का काम कर रही है, वहीं इसका गलत इस्तेमाल करने वालों की भी कमी नहीं है. कई लोग अपने फायदे के लिए सेलिब्रिटीज के नामों का इस्तेमाल करते हैं. इस बीच बॉलीवुड के जाने-माने प्रोड्यूसर करण जौहर ने दिल्ली हाईकोर्ड में अपने पर्सनालिटी राइट्स के बचाव की अर्जी डाली है.
क्या है पूरा मामला?
AI के मिसयूज के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खासतौर पर सेलिब्रिटीज के नाम का कई लोग अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं, जिससे उन्हें तो फायदा होता है, लेकिन सेलिब्रिटीज की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. इस बीच बॉलीवुड प्रोड्यूसर करण जौहर ने अपने व्यक्तित्व अधिकार की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. करण ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट अपनी पहचान और प्रचार से जुड़े अधिकारों के बचाव की मांग की है.
करण जौहर की ओर से मुकदमा लड़ रहे वकील राजशेखर राव ने कहा कि उन्हें ये सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कोई अनाधिकारिक तौर पर उनके व्यक्तित्व, चेहरे, आवाज और लोकप्रियता का गलत इस्तेमाल न करे. बता दें, करण जौहर से पहले बच्चन परिवार अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ ने भी इस मामले में अदालत में याचिका दायर कर चुके हैं.
जज की ओर से आया बयान
करण जौहर द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज कराई गई याचिका पर जस्टिस मनमीत प्रितम सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मामले को पहले अच्छी तरह से पेश किया जाए, तभी इस पर सुनवाई होगी. जज की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि, 'मिस्टर राव, आपको 2 चीजें समझनी होंगी. पहला तो तिरस्कार है जो कि मीम्स से अलग होता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि हर एक मीम्स अपमानजनक हो. दूसरी बात ये कि लोग आपके नाम पर समान बेच रहे हैं और तीसरा आपका डोमेन नेम है. आपको अपनी याचिका में इस बात को चिन्हित करना होगा. लेकिन हर एक पेज के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता है. हर मीम या फोटो इस्तेमाल करने का मकसद अपमानित किया जाना ही नहीं होता है.'