Birthday Special: बॉलीवुड की टैलेंटेड एक्ट्रेस काजोल ने अपनी दमदार अदाकारी और सादगी के बल पर दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. जी हां, एक्टिंग के प्रति उनका समर्पण और मेहनत उन्हें फिल्म इंडस्ट्री की सबसे सम्मानित कलाकारों में से एक बनाता है. वहीं आज 5 अगस्त को काजोल अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं. ऐसे में उनके इस खास दिन पर हम काजोल की लाइफ से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा आपको बताने जा रहे हैं, जो शायद ही आपको मालूम हो.
फिल्मी परिवार से ताल्लुक
5 अगस्त 1974 को मुंबई में जन्मीं काजोल एक फिल्मी परिवार से आती हैं. उनकी मां तनुजा जानी-मानी एक्ट्रेस रही हैं, जबकि उनके पिता शोमू मुखर्जी एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे. बचपन से ही काजोल को एक्टिंग में इंटरेस्ट था और उन्होंने महज 18 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत 1992 में फिल्म 'बेखुदी' से की. हालांकि, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन काजोल ने हार नहीं मानी.
'बाज़ीगर' से मिली असली पहचान
काजोल को पहली बड़ी सफलता 1993 में शाहरुख खान के साथ फिल्म 'बाज़ीगर' से मिली. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में दीं, जैसे 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कुछ कुछ होता है', 'गुप्त', 'प्यार तो होना ही था', और 'कभी खुशी कभी गम'. 90 के दशक में जब ग्लैमर को अधिक महत्व दिया जाता था, उस दौर में काजोल ने अपनी नैचुरल एक्टिंग और दमदार स्क्रीन प्रेजेंस के बल पर अपनी अलग पहचान बनाई.
फिल्मों की लंबी लिस्ट
आपको बता दें कि अपने करियर में काजोल ने कई यादगार फिल्में दी हैं जैसे- 'दिल क्या करे', 'हम आपके दिल में रहते हैं', 'होते-होते प्यार हो गया', 'फना', 'यू मी और हम', 'माई नेम इज खान', 'वी आर फैमिली', और 'दिलवाले'. इन सभी में उनके अभिनय को दर्शकों से सराहना मिली.
साउथ इंडस्ट्री में भी रखा कदम
वहीं काजोल ने 2017 में तमिल फिल्म 'वेलाईयिल्ला पत्तथरी 2' (VIP 2) से साउथ सिनेमा में भी डेब्यू किया. फिल्म में उन्होंने साउथ के सुपरस्टार धनुष के साथ काम किया और एक सशक्त खलनायिका की भूमिका निभाई. फिल्म का निर्देशन सौंदर्या रजनीकांत ने किया था.
तमिल में अभिनय को लेकर अनुभव
इस फिल्म से जुड़ा एक किस्सा खुद काजोल ने एक इंटरव्यू में शेयर किया था. उन्होंने बताया कि जब धनुष और सौंदर्या उनके पास फिल्म का ऑफर लेकर आए, तो उन्होंने कहा था कि काजोल को तमिल नहीं बोलनी पड़ेगी. लेकिन सेट पर पहुंचने के बाद उन्हें तमिल डायलॉग्स के पन्ने दिए गए और प्रैक्टिस करने को कहा गया.
काजोल ने कहा, 'धनुष और सौंदर्या ने कहा था कि मुझे तमिल नहीं बोलनी होगी. लेकिन जब मैं सेट पर पहुंची तो मुझे तमिल में डायलॉग पढ़ने को दिए गए. रोज़ाना मुझे दो घंटे असिस्टेंट डायरेक्टर के साथ डायलॉग्स की प्रैक्टिस करनी पड़ती थी.' इसके साथ ही उन्होंने ये भी साझा किया कि जब आप किसी अन्य भाषा में काम करते हैं तो डायलॉग्स पर ध्यान देने के कारण अक्सर हाव-भाव पर फोकस करना मुश्किल हो जाता है, जिससे आपकी परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है.
पुरस्कार और सम्मान
वहीं आपको बता दें कि काजोल को उनके शानदार अभिनय के लिए 6 फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं, जिनमें कई बार उन्हें 'बेस्ट एक्ट्रेस' का खिताब मिला. 2011 में उन्हें भारत सरकार की ओर से 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया गया. आज काजोल न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपनी अदाकारी के लिए जानी जाती हैं.
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