जावेद अख्तर (javed akhtar) उन चुनिंदा लोगों में से हैं जो खुलकर सरकार की आलोचना करते हैं। लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि ऐसा हर कोई नहीं कर सकता, खासतौर पर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े बड़े स्टार्स। वजह है डर। जावेद अख्तर ने कपिल सिब्बल (kapil sibbal) के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में बताया कि क्यों बॉलीवुड (bollywood) में असहमति की आवाजें दब जाती हैं।
'बोलेंगे तो ईडी-सीबीआई आ जाएगी'
जावेद अख्तर ने कहा कि अगर किसी के मन में ये डर बैठा है कि सरकार के खिलाफ बोलने पर ईडी (ED), सीबीआई (CBI) या इनकम टैक्स (Income Tax) की रेड पड़ेगी, तो वह चुप ही रहेगा। उन्होंने मेरिल स्ट्रीप का उदाहरण देते हुए बताया कि अमेरिका में एक्ट्रेस ने खुलकर सरकार के खिलाफ बोला, लेकिन उन पर कोई रेड नहीं पड़ी। भारत में अगर कोई ऐसा करे, तो लोग डरते हैं कि उनकी फाइलें निकल जाएंगी।
बॉलीवुड का डर बाहरी वजहों से है
जावेद अख्तर ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी समाज का ही हिस्सा हैं। वो वही डर और दबाव महसूस करते हैं, जो आम नागरिक करते हैं। इसलिए जब आप पूछते हैं कि स्टार्स सरकार पर सवाल क्यों नहीं उठाते, तो इसका जवाब है- 'डर'। और यह डर इंडस्ट्री के अंदर नहीं, बल्कि बाहर से पैदा किया गया है।
'मैं किसी को दोष नहीं देता'
जावेद अख्तर ने यह भी साफ किया कि वे उन लोगों को दोष नहीं देते जो खामोश हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोल सकते हैं, कुछ नहीं। ये उनकी निजी पसंद है। लेकिन यह सोचना कि सभी चुप हैं क्योंकि उन्हें फर्क नहीं पड़ता, यह पूरी सच्चाई नहीं है।
क्यों जरूरी है ये बहस
आज जब हर तरफ एकतरफा नैरेटिव बन रहा है, तो जावेद अख्तर जैसे लोगों की बातें बहुत जरूरी हो जाती हैं। क्योंकि वो न सिर्फ मुद्दों पर बोलते हैं, बल्कि इंडस्ट्री के डर और दबाव को भी सामने लाते हैं। इससे ये समझ आता है कि चुप्पी भी एक मजबूरी हो सकती है, कोई चुनाव नहीं।
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