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Jatadhara Film
Jatadhara Film: सोनाक्षी सिन्हा और सुधीर बाबू स्टारर ‘जटाधर’ कल, 7 नवंबर को रिलीज होने जा रही है. वहीं फिल्म को लेकर दर्शकों की उत्सुकता अपने चरम पर पहुंच चुकी है. इस सुपरनैचुरल थ्रिलर के निर्देशक अभिषेक जायसवाल और वेंकट कल्याण, निर्माता प्रेरणा अरोड़ा बताते हैं कि कैसे एक दशक लंबी रिसर्च, श्रद्धा, और कठिन तैयारी ने इस फिल्म को आकार दिया है, जो दिव्यता और अंधकार के बीच एक अद्वितीय काव्यात्मक संघर्ष को दर्शाती है.
फिल्म का विषय और कहानी
‘जटाधर’ पारंपरिक सुपरनैचुरल थ्रिलर की सीमाओं से परे जाती है. ये फिल्म आस्था, आध्यात्मिक शक्ति और दैवीय अधिष्ठान की गहराइयों में उतरती है, जो भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना में गहरे से निहित हैं. फिल्म के केंद्रीय पात्रों में सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य भूमिका में हैं, जो अपनी शक्तियों और आस्थाओं के जटिल संघर्ष को सामने लाते हैं.
महीनों तक किया अध्ययन
फिल्म की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए, निर्देशक अभिषेक जायसवाल ने महीनों तक पोस्सेस्सेड व्यक्तियों का अध्ययन किया. उन्होंने उनकी ऊर्जा के परिवर्तन, आवाज के उतार-चढ़ाव और शरीर की भाषा का गहराई से निरीक्षण किया. इस अध्ययन ने फिल्म के तीव्र दृश्यों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से जीवंत बना दिया.
अभिषेक कहते हैं, 'मैं चाहता था कि अभिनेता केवल अभिनय न करें, बल्कि उस अवस्था को महसूस करें. आवाज का बदलना, सांसों की लय, आंखों का भाव, हमने हर चीज को वास्तविक ऊर्जा से पुनःनिर्मित किया है. दर्शक सिर्फ देखें नहीं, बल्कि इसे अनुभव करें.'
सोनाक्षी सिन्हा का सशक्त प्रदर्शन
जहां अभिषेक ने व्यवहार पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं वेंकट कल्याण ने फिल्म के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहरा ध्यान दिया. उन्होंने सोनाक्षी सिन्हा को वास्तविक ‘पिशाची’ प्रस्तुतियों से रूबरू कराया, ताकि वह दैवीय आवेश को सही तरीके से आत्मसात कर सकें. वेंकट बताते हैं, 'सोनाक्षी बेहद समर्पित थीं. उन्होंने असली पिशाची अनुष्ठानों को देखा, वहां की आक्रोश, भक्ति और रूपांतरण को समझा. उन्होंने इसे पूरी तरह आत्मसात किया और बहुत सशक्त प्रदर्शन किया.'
दैवीय ऊर्जा की वास्तविकता
वेंकट कल्याण, जो पिछले दस वर्षों से ‘जटाधर’ पर काम कर रहे हैं, उन्होंने तेलंगाना के बोनालू जैसे त्योहारों में भाग लेकर दैवीय ऊर्जा की असली अनुभूति की. वह कहते हैं, 'बोनालू ने मुझे सिखाया कि दैवीय ऊर्जा कैसी होती है- अराजक, सुंदर और पवित्र. मैंने ‘जटाधर’ को इस द्वैत भावना को पकड़ने के लिए संवारा है, जहां भक्ति और विनाश एक दूसरे से टकराते हैं.'
निर्माता प्रेरणा अरोड़ा
निर्माता प्रेरणा अरोड़ा, जो गहराई और सशक्त कथानक वाली फिल्मों के लिए जानी जाती हैं, बताती हैं, '‘जटाधर’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, यह एक आध्यात्मिक अनुभव है. शोध से लेकर दृश्य निर्माण तक, हर तत्व सत्य पर आधारित है. हम चाहते थे कि दर्शक केवल एक कहानी न देखें, बल्कि ऐसी अनुभूति करें जो दैवीय ऊर्जा से सजीव हो.'
प्रेरणा अरोड़ा का कहना है, 'अभिषेक, वेंकट, सोनाक्षी और सुधीर, पूरी टीम ने इस फिल्म में जो मेहनत और भावना डाली है, उसने इसे एक बार मिलने वाला सिनेमाई अनुभव बना दिया है.'
फिल्म में अन्य कलाकार
फिल्म में दिव्या खोसला (स्पेशल अपीयरेंस), शिल्पा शिरोडकर, इंदिरा कृष्णा, रवि प्रकाश, नवीन नेनी, रोहित पाठक, झांसी, राजीव कनकला, और सुभलेखा सुधाकर भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं.
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