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Independence Day 2025
Independence Day 2025 special: जब 15 अगस्त 1947 को पूरा देश स्वतंत्रता की खुशियां मना रहा था, उसी ऐतिहासिक दिन हिंदी सिनेमा में भी एक खास घटना घटी. जी हां, फिल्म ‘शहनाई’ रिलीज हुई, एक हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म जिसने उस दौर के तनावपूर्ण माहौल में दर्शकों को मुस्कुराने का मौका दिया. 133 मिनट लंबी ये फिल्म मनोरंजन की दुनिया में बड़ी हिट साबित हुई और इसे खास बना दिया इसके गाने ने, जिसे संगीतकार सी. रामचंद्र ने तैयार किया था.
'आना मेरी जान संडे के संडे'
इस फिल्म का सबसे मशहूर और लोकप्रिय गाना था ‘आना मेरी जान संडे के संडे’, जिसे शमशाद बेगम और सी. रामचंद्र ने गाया था. इस गाने की मस्ती और लय ने दर्शकों को तुरंत लुभा लिया. ये गाना देखते ही देखते म्यूज़िक चार्ट्स पर पहले स्थान पर पहुंच गया और 1947 के सबसे लोकप्रिय गीतों में शामिल हो गया.
वहीं जब देश विभाजन की पीड़ा और भविष्य की चिंता से गुजर रहा था, तब ये गाना लोगों के लिए खुशी और राहत का जरिया बन गया. फिल्म के निर्देशक पी. एल. संतोषी ने इस गाने को बेहद मजेदार अंदाज में फिल्माया, जिसमें एक्ट्रेस दुलारी और एक्टर मुमताज अली नजर आए. गाने में एक गांव की लड़की और एक विदेशी युवक के बीच हल्का-फुल्का रोमांस दिखाया गया था, जो दर्शकों को खूब भाया.
गाने में वेस्टर्न म्यूजिक का ट्विस्ट
सी. रामचंद्र ने इस गाने में वेस्टर्न म्यूज़िक का ऐसा प्रयोग किया, जो उस दौर में बिलकुल नया और अनोखा था. इस प्रयोग ने न केवल इस गीत को विशेष बनाया, बल्कि आगे चलकर इसी लाइफस्टाइल ने हिंदी सिनेमा में कई हिट गानों को जन्म दिया, जैसे ‘गोरे गोरे ओ बांके छोरे’ और ‘शोला जो भड़के’.
विवादों में भी रहा ये गाना
हालांकि, जितना ये गाना लोकप्रिय हुआ, उतना ही विवादों में भी घिरा रहा. कुछ लोगों ने इसे ‘तुच्छ’ और ‘अश्लील’ करार दिया. मशहूर फिल्म पत्रिका ‘फिल्म इंडिया’ को एक रीडर ने पत्र लिखकर इस गाने की आलोचना करते हुए कहा था कि इस तरह के गाने युवा पीढ़ी के नैतिक मूल्यों पर असर डाल सकते हैं.