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एलिजाबेथ ओल्सेन ने कहा, नेपोटिज्म मन में एक डर पैदा करता है

अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें हमेशा मेरे चारों ओर रहे लोगों को यह साबित करने की जरूरत होती थी कि मैं वास्तव में कड़ी मेहनत कर रही हूं.

Updated on: 19 Jan 2021, 05:19 PM

नई दिल्ली:

हॉलीवुड स्टार एलिजाबेथ ओल्सेन (Elizabeth Olsen) का कहना है कि उन्होंने एक बार अपना सरनेम बदलने और अपने परिवार की सफलता से दूरी बनाने के बारे में सोचा था, क्योंकि सुर्खियों में हर पल रहना उन्हें परेशान करता था. अभिनेत्री ने कहा, "यह पागलपन था. ऐसा भी वक्त रहा है, जब मेरी बहनें हमेशा स्पॉटलाइट होती थीं और मैं उनके साथ कार में होती थी और यह वास्तव में मुझे निराश कर देता था. इससे मुझे नेविगेट करने में मदद मिली कि मैं अपने करियर को कैसे अपनाना चाहती हूं." अभिनेत्री की बड़ी बहनें मैरी-केट ओल्सेन और एशले ओल्सेन हैं.

अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें हमेशा मेरे चारों ओर रहे लोगों को यह साबित करने की जरूरत होती थी कि मैं वास्तव में कड़ी मेहनत कर रही हूं. एलिजाबेथ ने नेपोटिज्म से जुड़े डर के बारे में बताया है.

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एलिजाबेथ ओल्सेन (Elizabeth Olsen) ने कहा, "नेपोटिज्म के बारे में यह डर है कि आप काम नहीं करते हैं या काम के लायक नहीं हैं. जब मैं छोटी बच्ची थी, तो सोचती थी कि अगर मैं एक अभिनेत्री बनूंगी तो मैं एलिजाबेथ चेस बनूंगी, जो कि मेरा मिडिल नाम है. और फिर, एक बार जब मैंने काम करना शुरू किया, तो मुझे लगा कि, 'मैं अपने परिवार से प्यार करती हूं, मुझे अपना नाम पसंद है, मैं अपनी बहनों से प्यार करती हूं. मुझे इस पर शर्म क्यों आएगी?' यह ठीक तो है."