2000sBollywood Shooting Stories: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता गोविंदा अपनी शानदार कॉमेडी और डांस के लिए मशहूर हैं, लेकिन 90 के दशक से ही उनकी लेट-लतीफी भी चर्चा का विषय रही है जिसकी वजह से कई लोगों का मानना था कि उनकी इस आदत के कारण ही 2000 के दशक में उनका करियर प्रभावित हुआ था जिस पर गोविंदा ने हाल ही में बात करते हुए सारी बातें शेयर की है. चलिए जानते हैं..
लेट-वेट पर मैं यकीन नहीं करता
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान गोविंदा ने कहा, 'मैं दिलीप साहब का चेला था और ये लेट-वेट में मेरा विश्वास नहीं है, मैं काम पर अपने सुर-ताल मिला के जाता था जैसे आपने कभी क्लासिकल गाने का प्रोग्राम देखा है? सुर-ताल मिलाने के बाद ही गायक परफॉर्म कर पाता है ना, ठीक वैसे ही जब तक मेरे सुर-ताल सही न हो जाएं, मैं सेट पर पहुंचता ही नहीं था.'
दिलीप साहब नहीं होते तो मैं खत्म हो जाता
गोविंदा ने आगे बताया कि एक समय पर उनकी 40 फिल्में एक साथ फ्लोर पर थीं, जिसकी वजह से उन्हें सेट्स के बीच भागदौड़ करनी पड़ती थी और तब दिलीप साहब मेरे बहुत काम आए, गोविंदा ने कहा, 'मैं यहां से वहां, वहां से वहां भागता रहता था क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री ने एक अनपढ़ आदमी को पकड़ लिया था, अगर तब दिलीप साहब नहीं मिले होते, तो मुझे खत्म कर दिया जाता. उन्होंने मुझसे 25 फिल्में छुड़वाईं.'
गोविंदा ने यह भी कहा 'जब उन्होंने इस बारे में एक फाइनेंसर से सलाह ली, तो उसने कहा कि दिलीप कुमार की बात मत सुनो, क्योंकि अब तुम गरीबी से बाहर निकल आए हो, लेकिन तब भी मैंने दिलीप साहब की राय को ही माना था.'
दिलीप साहब ने हमेशा मेरा भला चाहा
आगे बात करते हुए गोविंदा ने दिलीप कुमार को अपना सच्चा मार्गदर्शक बताया और कहा 'उन्होंने हमेशा मेरा भला चाहा था, एक बार जब मैं लगातार 16 दिन तक बिना आराम किए काम कर रहा था, तब किसी ने मेरी सेहत की चिंता नहीं की, लेकिन उस वक्त दिलीप कुमार ही थे जो सेट पर मेरी हाल खबर लिया करते थे और उस वक्त मैं सेट पर देर से इसलिए पहुंचता था क्योंकि मैंने कई फिल्मों के लिए कमिटमेंट किया हुआ था और मुझे सभी फिल्में हर हाल में पूरी करनी थीं.'
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