/newsnation/media/media_files/2025/09/06/flying-beast-gaurav-taneja-reveals-8-big-secrets-of-airline-industry-said-using-same-water-for-toil-2025-09-06-19-00-02.jpg)
Gaurav Taneja Shocking Revelations About Flights
Gaurav Taneja Shocking Revelations About Flights: पॉपुलर यूट्यूबर और पायलट गौरव तनेजा, जिन्हें लोग ऑनलाइन 'फ्लाइंग बीस्ट' के नाम से जानते हैं, उन्होंने अपने नए वीडियो में एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े 8 चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. गौरव ने बताया कि ये जानकारियां आम यात्रियों को शायद ही पता होंगी, और एयरलाइंस अक्सर इन्हें यात्रियों से 'छिपाकर' रखती हैं. जी हां, वीडियो में उन्होंने मोबाइल फोन के इस्तेमाल, पायलटों के खाने, ऑक्सीजन मास्क, और फ्लाइट में इस्तेमाल होने वाले पानी तक से जुड़ी कई अहम बातें बताईं, जिन्हें जानकर हर यात्री चौंक जाएगा. तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
उड़ान में मोबाइल फोन इस्तेमाल करना सुरक्षित है
गौरव तनेजा ने बताया कि फ्लाइट के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल तकनीकी रूप से सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि पुराने GSM उपकरणों के चलते इस पर बैन लगाया गया था, लेकिन आज के 4G और 5G फोन विमान के संचार में कोई रुकावट नहीं डालते. हालांकि, गड़बड़ी की संभावना से बचने के लिए टेकऑफ और लैंडिंग के समय फोन बंद रखने की सलाह दी जाती है.
पायलट एक जैसा खाना नहीं खा सकते
उन्होंने बताया कि फ्लाइट में मौजूद दोनों पायलटों को एक ही तरह का खाना खाने की इजाजत नहीं होती. इसका मकसद ये है कि अगर किसी खाने में गड़बड़ी हो, तो दोनों पायलट एक साथ बीमार न पड़ें और फ्लाइट की सुरक्षा प्रभावित न हो. गौरव ने ये भी बताया कि फ्लाइट का खाना पहले से तैयार किया जाता है और उड़ान के दौरान गर्म करके परोसा जाता है.
एयरलाइन का खाना ज्यादा मसालेदार क्यों होता है?
गौरव ने बताया कि 35,000 फीट की ऊंचाई पर इंसान की गंध और स्वाद महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए, एयरलाइन के कैटरर्स फ्लाइट के खाने में ज्यादा नमक, मसाले और चीनी डालते हैं, ताकि इसका स्वाद यात्रियों को बेहतर लगे.
ऑक्सीजन मास्क में सिर्फ 12-15 मिनट की ऑक्सीजन होती है
अगर फ्लाइट के दौरान केबिन का प्रेशर कम हो जाए, तो जो ऑक्सीजन मास्क गिरते हैं, उनमें सिर्फ 12 से 15 मिनट तक की ऑक्सीजन होती है. गौरव ने कहा कि ये समय पायलट को विमान को सुरक्षित ऊंचाई तक लाने के लिए पर्याप्त होता है, लेकिन ये जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती, ताकि वो घबरा न जाएं.
पायलट को मिलती है झपकी लेने की अनुमति
गौरव ने बताया कि अगर फ्लाइट तीन घंटे से ज्यादा लंबी है, तो दोनों पायलटों में से एक को 30 मिनट की 'कंट्रोल्ड रेस्ट' यानी झपकी लेने की अनुमति होती है. ये केवल तब होता है जब विमान क्रूजिंग मोड में होता है, यानी टेकऑफ, लैंडिंग या चढ़ाई-उतराई के दौरान पायलट झपकी नहीं ले सकते.
फ्लाइट में टॉयलेट और चाय के लिए एक ही पानी इस्तेमाल होता है
गौरव के मुताबिक, ज्यादातर विमानों में पानी की एक ही टंकी होती है, जिससे शौचालय और यात्रियों को परोसे जाने वाले पेय पदार्थ (जैसे चाय या कॉफी) तैयार किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि टंकी की सफाई का कोई तय मानक नहीं है और इसकी साफ-सफाई को लेकर कोताही बरती जा सकती है, जो चिंता का विषय है.
एयरलाइन खाना दिनो पहले तैयार होता है
उन्होंने ये भी खुलासा किया कि फ्लाइट में परोसा जाने वाला खाना कई दिन पहले ही तैयार किया जाता है और फिर विमान में दोबारा गर्म करके यात्रियों को दिया जाता है. इससे खाने की गुणवत्ता और ताजगी पर सवाल उठते हैं.
यात्रियों को इन बातों की जानकारी क्यों नहीं दी जाती?
गौरव ने कहा कि ये सारी बातें यात्रियों से इसलिए छिपाई जाती हैं, क्योंकि इनसे घबराहट, डर और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. लेकिन उनका मानना है कि एक जागरूक यात्री ही एक सुरक्षित उड़ान का हिस्सा बन सकता है.