90s Bollywood Stories: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान और दलीप ताहिल ने कई हिट फिल्मों में साथ काम किया है, जिनमें 'कयामत से कयामत तक', 'हम हैं राही प्यार के', 'इश्क' और 'मन' जैसी फिल्में शामिल हैं. हाल ही में दलीप ताहिल ने फिल्म 'इश्क' की शूटिंग के दौरान का एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट के काम करने के तरीके के बारे में बताया.
डायरेक्टर और आमिर खान की बातचीत
दलीप ताहिल ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि, आमिर खान अपने हर सीन को बारीकी से समझने की कोशिश करते थे और हमेशा इस बात की खोज में रहते थे कि कोई सीन किस वजह से एक खास अंदाज में फिल्माया जा रहा है। उन्होंने बताया, 'आमिर अपने सीन को लेकर बहुत सोच-विचार करता था तो वहीं, निर्देशक इंदर कुमार की अपनी एक अलग काम करने की तकनीक थी.'
'जब आमिर ने कई बार सवाल पूछे, तो इंदर कुमार ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘तुम बस वही करो जो मैं कह रहा हूं, क्योंकि मेरे किरदार ऐसे ही होते हैं, इस बीच एक समय ऐसा आया जब इन्द्र गुस्सा गए और उन्होंने आमिर से कहा, ‘भाई, मेरी फिल्म में मैं जो बोल रहा हूं, तू वही कर, लेकिन इसके बावजूद दोनों के बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी और आज भी उनका मजबूत रिश्ता कायम है.'
आमिर हमेशा देते थे स्क्रिप्ट पर जोर
आगे बात करते हुए दलीप ने 80 और 90 के दशक की फिल्म इंडस्ट्री के काम करने के तरीके के बारे में भी बात की जिसमें उन्होंने बताया कि उस समय पूरी तरह से लिखी गई स्क्रिप्ट का चलन कम था, जिससे आमिर खान को कई बार अजीब सा महसूस होता था, उन्होंने कहा, 'आमिर को फिल्मों की अनसर्टेनिटी परेशान करती थी, 'कयामत से कयामत तक' के बाद भी जब वह अपने सीन के बारे में पूछते, तो कई बार लोगों के पास कोई एक्यूरेट रीजन नहीं होता क्योंकि उस समय अधिकतर फिल्मों में केवल एक मोटा प्लॉट तय होता था, जबकि आमिर हमेशा पूरी स्क्रिप्ट के साथ काम करना पसंद करते थे.'
अपनी राह खुद बनाई
दलीप ने आगे बात करते हुए ये भी बताया कि आमिर खान हमेशा सिनेमा में नए प्रयोग करना चाहते थे और जब उन्हें इस दिशा में सही अवसर नहीं मिले, तो उन्होंने अपनी खुद की फिल्में बनानी शुरू कर दीं थी. दलीप ने कहा, '80 के दशक के बाद फिल्में प्रपोजल आधारित हो गई थीं, आमिर इस व्यवस्था में खुश नहीं थे, और इसलिए उन्होंने अपनी फिल्मों का निर्माण शुरू कर दिया था. हमने कई अच्छी फिल्में कीं, लेकिन कुछ फिल्मों में दोहराव बहुत ज्यादा था लेकिन आमिर को कुछ नया करने की चाह थी और इसी वजह से उन्होंने खुद के लिए एक अलग रास्ता बना लिया था.'
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