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Burka City Director Fabrice Bracq Addresses The Plagiarism Issue With Laapataa Ladies: डायरेक्टर किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' ने रिलीज के बाद दर्शकों से खूब तारीफ बंटोरी थी, जिसके कारण फिल्म को ऑस्कर्स के लिए भी नॉमिनेट किया था. बीते दिनों सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर की गई थी, जिसमे इसकी समानता अरबी शार्ट फिल्म 'बुर्का सिटी' से करते हुए फिल्म के मेकर्स को जमकर ट्रोल किया था, हालांकि, इस पर बात करते हुए फिल्म के राइटर बिप्लब गोस्वामी ने फिल्म पर एक स्टेटमेंट शेयर करते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. अब बुर्का सिटी के डायरेक्टर फैब्रिस ब्रैक ने इस मामले पर बात करते हुए अपना व्यू शेयर किया है.
'मेरी शॉर्ट फिल्म से कितनी मिलती-जुलती थी'
Kiran Rao's Lapata Ladies, India's official entry to the Oscars and projected as an original work, actually seems heavily inspired by a 2019 short film titled Burqa City.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) March 31, 2025
Set in Middle East, the 19 min film follows a newlywed man whose wife gets exchanged due to identical… pic.twitter.com/b7GcHN2MmI
एक इंटरनेशनल कार्यक्रम के दौरान जब फैब्रिस से सोशल मीडिया पर चल रही दोनों फिल्मों के बीच की डिबेट के बारे में पूछा तो उन्होनें कहा 'सबसे पहले, फिल्म देखने से पहले ही, मैं इस बात से हैरान था कि पिच मेरी शॉर्ट फिल्म से कितनी मिलती-जुलती थी, फिर मैंने फिल्म देखी और मैं यह देखकर हैरान था कि इसमें कितनी समानता हैं, हालांकि कहानी को भारतीय संस्कृति के अनुसार ढाला गया था, लेकिन मेरी शॉर्ट फिल्म के कई पहलू स्पष्ट रूप से मौजूद थे, दयालु, प्यार करने वाला, भोला पति जो अपनी पत्नी को खो देता है, दूसरे पति के साथ तुलना की जाती है जो हिंसक और नीच है, यहां तक की पुलिस अधिकारी वाला दृश्य भी हड़ताली है, एक भ्रष्ट, हिंसक और डराने वाला पुलिसकर्मी दो सहायकों से घिरा हुआ है, बेशक, घूंघट वाली महिला की तस्वीर वाला क्षण भी है, जो मेरी शार्ट 'बुर्का सिटी' में भी मौजूद था.
'महिलाओं की मुक्ति और नारीवाद के बारे में'
आगे बात करते हुए फैब्रिस ने कहा 'एक दृश्य जिसमें दयालु पति अपनी पत्नी को अलग-अलग दुकानों में खोजता है, विशेष रूप से खुलासा करने वाला है, जिसमें वो दुकानदारों को अपनी घूंघट वाली पत्नी की तस्वीर दिखाता है, ठीक उसी तरह जैसे फीचर फिल्म में दिखाया गया है, और फिर दुकानदार की पत्नी बुर्का पहनकर बाहर आती है, जो लगभग 'बुर्का सिटी' की ओर इशारा करता है.'
'इसके बाद फिल्म के क्लाइमेक्स में आए मोड़ में भी समानता है, जहां हमें पता चलता है कि महिला ने जानबूझकर अपने अपमानजनक पति से भागने का फैसला किया, जो 'बुर्का सिटी में एक प्रमुख स्टोरी मोटिव है और सबसे बढ़कर, ये फिल्म महिलाओं की मुक्ति और नारीवाद के बारे में एक समान संदेश देती है, जैसा कि फीचर फिल्म 'लापता लेडीज' में भी दर्शाया गया है.'
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