इस फिल्म में समलैंगिक महिला के किरदार में नजर आ रही हैं जरीन खान
जरीन खान (Zareen Khan) का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसी स्थिति का सामना किया
highlights
- जरीन खान की फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' रिलीज हुई है
- फिल्म में जरीन समलैंगिक महिला का किरदार निभा रही हैं
- जरीन के साथ फिल्म में अंशुमान झा नजर आ रहे हैं
नई दिल्ली:
बॉलीवुड एक्ट्रेस जरीन खान (Zareen Khan) ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' में एक समलैंगिक महिला की भूमिका निभाई है. निमार्ताओं को शुरू में उन्हें इस भूमिका में लेने पर संदेह था, हालांकि जरीन खान (Zareen Khan) का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसी स्थिति का सामना किया. जरीन खान (Zareen Khan) ने मीडिया को बताया कि यह पहली बार नहीं है कि लोगों ने मुझ पर अपनी फिल्म में नॉन ग्लैमर रोल करने के लिए कास्ट करने में संदेह किया है पहले भी मेरा साथ ऐसा हो चुका है. उन्होंने कहा, ''लेकिन, हां, मुझे एक ऑडिशन के लिए कहा गया था और मैं ऑडिशन देने से ज्यादा खुश हुई क्योंकि लोगों को पता होना चाहिए कि मैं इस रोल को कर पाउंगी या नहीं. उन्हें ऑडिशन पसंद था और मैं इस फिल्म का हिस्सा बन गई. ''
यह भी पढ़ें: धनाश्री वर्मा ने किया जबरदस्त डांस, Video देख फैंस कर रहे तारीफ
View this post on Instagram
जरीन खान (Zareen Khan) पहली बार स्क्रीन पर संमलैंगिंग किरदार निभा रही है. क्या किरदार निभाने में कोई दिक्कत हुई?जरीन बताती है कि यह वास्तव में मुश्किल नहीं था. बॉडी लैंग्वेज की बात करूं तो मैं हमेशा से एक टॉम बॉय की तरह रही हूं, उस विशेषता ने मुझे फिल्म में मदद की.'' जरीन खान (Zareen Khan) को 2010 में फिल्म 'वीर' में सुपरस्टार सलमान खान द्वारा लॉन्च किया गया था. उन्होंने अपने हर रोल को पूरी ईमानदारी के साथ निभाया है.
यह भी पढ़ें: अल्लू अर्जुन ने जीती कोरोना से जंग, एक्टर को देख यूं लिपट गए बच्चे
View this post on Instagram
फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' के अभिनेता अंशुमान झा की बात करें तो उनका कहना है कि ये फिल्म उनके लिए विशेष है क्योंकि यह उनकी आखिरी फिल्म थी जिसे उनकी माँ ने पिछले साल मरने से पहले देखा था. अंशुमान झा कहते है कि "मेरी माँ हमेशा मेरे दिल में ताकत का स्तंभ बनकर रहेगी. मेरी फिल्म हम भी अकेले तुम अकेले आखिरी फिल्म है जिसे उन्होंने मरने से पहले देखा था यही वजह है कि यह मेरे लिए और भी खास है." कहानी दिल्ली से मैकलोडगंज में एक समलैंगिक पुरुष और एक समलैंगिक महिला की सड़क यात्रा के इर्द गिर्द घूमती है, और बताती है कि कैसे वे यात्रा के दौरान प्यार और साहचर्य का सही अर्थ खोजते हैं. अंशुमान झा का कहना है कि फिल्म की शूटिंग करना चुनौतीपूर्ण था.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें