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इस वजह से आरडी बर्मन का नाम पड़ा 'पंचम दा', आशा भोसले से ऐसे हुई शादी

फिल्म इंडस्ट्री में लोग प्यार से आरडी बर्मन को 'पंचम दा' कहते थे. उनके कुछ गाने इतने लोकप्रिय हुए कि लोग आज भी उन्हें गुनगुनाना पसंद करते हैं. उन्होंने 60 से लेकर 90 तक के तीन दशक में उनके गानों ने जबरदस्त धूम मचाई है.

Updated on: 27 Jun 2021, 09:43 AM

highlights

  • नानी से मिला है पंचम का टाइटल
  • 1970 में हुई थी आशा भोसले से पहली मुलाकात
  • आशा ने पहली बार शादी के लिए इंकार कर दिया था

नई दिल्ली:

बॉलीवुड के नायाब संगीतकार राहुल देव बर्मन यानी आरडी बर्मन (RD Burman) का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 27 जून 1939 को हुआ था. संगीत उन्हें विरासत में मिला था. वे मशहूर संगीतकार एसडी बर्मन (SD Burman) के बेटे हैं. फिल्म इंडस्ट्री में लोग प्यार से उन्हें 'पंचम दा' (Pancham Da) कहते थे. उनके कुछ गाने इतने लोकप्रिय हुए कि लोग आज भी उन्हें गुनगुनाना पसंद करते हैं. वे बॉलीवुड के सबसे सफल म्यूजिक डायरेक्टर कहे जा सकते हैं. 60 से लेकर 90 तक के तीन दशक में उनके गानों ने जबरदस्त धूम मचाई थी. उन्होंने आशा भोसले (Asha Bhosle) और किशोर कुमार को पॉपुलर सिंगर बनाया. बर्मन ने लगभग 331 फिल्मों में संगीत दिया.

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राजसी खानदान से ताल्लुक रखते हैं आरडी बर्मन

आरडी बर्मन ब्रिटिश शासित कलकत्ता में राहुल त्रिपुरा के राजसी खानदान से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता सचिन देव बर्मन हिंदी सिनेमा के अग्रणी संगीतकारों में से एक रहे जबकि इनकी मां मीरा देवबर्मन एक गीतकार थीं. इनके दादा नाबद्विपचंद्र देवबर्मन त्रिपुरा के राजकुमार थे और दादी मणिपुर की राजकुमारी थीं. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा बंगाल से ही हुई. कहते हैं कि महज 9 साल की उम्र में उन्होंने पहला गाना 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' बना लिया. इस गाने को इनके पिता एसडी बर्मन ने साल 1956 में बनी फिल्म 'फंटूश' में प्रयोग किया था. 

‘छोटे नवाब’ से शुरू किया फिल्मी करियर

फिल्मी दुनिया में आने से पहले पंचम दा ऑर्केस्ट्रा में हारमोनियम बजाया करते थे. लेकिन मुंबई आने के बाद उन्होंने प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान और पं. समता प्रसाद से तबला बजाना सीखा. आर डी बर्मन को संगीतकार के रूप में पहला मौका 1959 में निरंजन नाम के निर्देशक की फिल्म ‘राज’ से मिला, हालांकि, यह फिल्म किसी कारणवश पूरी नहीं हो सकी. साल 1961 में बन रही फिल्म ‘छोटे नवाब’ में कॉमेडियन महमूद ने उनको साइन किया और यहीं से उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ. 

‘भूत बंगला’ में छोटा सा रोल भी किया

महमूद की फिल्म ‘भूत बंगला’ में पंचम दा ने एक छोटा सा रोल भी किया है. उन्होंने हिंदी सिनेमा में लगभग हर बड़े से बड़े निर्देशक निर्माता और अभिनेता के साथ काम किया और हिंदी सिनेमा को कई बड़ी हिट फिल्में देने में पंचम दा का हाथ रहा. लेकिन हिंदी सिनेमा में सुपरस्टार राजेश खन्ना की अदाकारी, किशोर कुमार की आवाज और पंचम दा के संगीत ने तहलका मचा दिया था. इस तिकड़ी ने करीब 32 फिल्मों में एक साथ काम किया. 

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'पंचम दा' नाम पड़ने के पीछे का किस्सा

आरडी बर्मन का नाम 'पंचम दा' पड़ने के पीछे का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है. ये नाम उन्हें अपनी नानी से मिला. आरडी बर्मन ने ही एक इंटरव्यू में पंचम नाम पड़ने के पीछे का किस्सा बताया था. उन्होंने कहा था कि जब बचपन में वे रोते थे तो यह शास्त्रीय संगीत के पांचवें सरगम ‘प’ की तरह प्रतीत होता था. और इसीलिए नानी ने उनका नाम पंचम रखा दिया था. 

आशा भोसले ने ठुकरा दिया था शादी का प्रपोजल

पूरी दुनिया को अपनी संगीत की धुन पर नचाने और प्‍यार का अहसास दिलाने वाले पंचम दा खुद पर्सनल लाइफ में भी बहुत रोमांटिक थे. एक दौर था जब वह आशा भोसले पर लट्टू हो गए थे. आशा को जब उन्‍होंने शादी के लिए प्रपोज किया तो सिंगर ने एक झटके में उनका प्रस्‍ताव ठुकरा दिया. लेकिन पंचम दा ने आख‍िरकार आशा भोसले को शादी के लिए मना ही लिया. आशा भोसले से आरडी बर्मन की पहली मुलाकात 1970 की शुरुआत में हुई थी. तलाक के बाद पंचम दा जिंदगी के सफर में अकेले थे. इधर, आशा भोसले के पति गणपतराव भोसले का भी 1966 में निधन हो गया था.

काफी मेहनत के कराने बाद आशा ने हां कहा

पंचम दा, आशा भोसले को पसंद (Asha Bhosle And Pancham Da's Love Story) करने लगे थे. दोनों को जिंदगी में पार्टनर से अलग होने का करीब-करीब एक जैसा दर्द मिला था, इसलिए यह प्‍यार और गहरा था. संगीत की साधना ने दोनों को और करीब लाने का काम किया. पंचम दा ने एक दिन आशा भोसले को शादी के लिए प्रपोज कर दिया. लेकिन आशा ने शादी करने से साफ इनकार कर दिया. लेकिन आखिरकार उन्होंने आशा भोसले का दिल जीतकर उन्हें शादी करने के लिए मना ही लिया.