Birthday Special : पृथ्वीराज कपूर थे बॉलीवुड के 'भीष्म पितामह', पढ़ें अनसुनी कहानी
पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) ने 1920 के दशक में लायलपुर और पेशावर के थियेटरों में अपना अभिनय करियर शुरू किया था
नई दिल्ली:
हिंदी सिनेमाजगत के दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) की आज 3 नवंबर को बर्थ एनिवर्सरी है. 3 नवंबर, 1906 को ब्रिटिश भारत, पंजाब के लायलपुर जिला के समुंद्री में जन्में पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) ने हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अहम योगदान दिया है. पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) ने 1920 के दशक में लायलपुर और पेशावर के थियेटरों में अपना अभिनय करियर शुरू किया था.
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फिल्म इंडस्ट्री में चार पीढ़ियों से कपूर खानदान राज कर रहा है, पृथ्वीराज कपूर को हिंदी सिनेमा जगत का 'भीष्म पितामह' भी कहा जाता है. पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) से लेकर राज कपूर, ऋषि कपूर, रणबीर कपूर, करिश्मा और करीना कपूर सभी ने बॉलीवुड में अपने अभिनय से लोगों को अपना दीवाना बनाया है. पृथ्वीराज कपूर ना सिर्फ अच्छे एक्टर थे बल्कि वो डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और लेखक भी थे. पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) ने मूक फिल्मों से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी.
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पृथ्वीराज कपूर ने 'दो धारी तलवार', 'शेर-ए-अरब' और 'प्रिंस विजय कुमार' जैसी फिल्मों में काम किया. इन सभी फिल्मों में उनका किरदार काफी छोटा था. इसके बाद 1929 में उन्हें फिल्म 'सिनेमा गर्ल' में लीड रोल मिल गया. साल 1931 में आई पहली बोलने वाली फिल्म 'आलम आरा' में पृथ्वीराज कपूर ने सपोर्टिंग एक्टर का किरदार निभाया था. पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) को फिल्मों और थियेटर से बहुत लगाव था उन्होंने साल 1944 में उन्होंने 'पृथ्वी थियेटर्स' की स्थापना की थी. इस थिएटर में पहली प्रदर्शनी के तौर पर कालिदास का मशहूर नाटक 'अभिज्ञानशाकुंतलम' पेश किया गया था. इसके बाद साल 1948 में राज कपूर के निर्देशन में पहली फिल्म 'आग' इसी थिएटर में बनी. पृथ्वीराज कपूर 29 मई, 1971 को इस दुनिया को अलविदा कह गए.
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