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MeToo Case : एमजे अकबर और प्रिया रमानी ने मानहानि के मामले में समझौते से किया इनकार

अकबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा कि यदि रमानी अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए माफी मांगती हैं तो वह अपने मुवक्किल से मामले को बंद करने के लिए कहेंगी

Updated on: 25 Nov 2020, 06:38 AM

नई दिल्ली:

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (M J Akbar) और पत्रकार प्रिया रमानी ने आपराधिक मानहानि के मामले में कोई भी समझौता करने से मंगलवार को इनकार कर दिया. अकबर ने रमानी के खिलाफ यह मामला दायर कर रखा है. अकबर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा कि यदि रमानी अपने द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए माफी मांगती हैं तो वह अपने मुवक्किल से मामले को बंद करने के लिए कहेंगी. वहीं, रमानी की ओर से पेश वकील भावुक चौहान ने कहा कि हालांकि उनकी मुवक्किल अपने बयान पर कायम है और यदि अकबर शिकायत वापस लेना चाहते हैं तो वह भी ऐसा कर सकते हैं. अदालत ने मंगलवार को पूछा कि क्या दोनों पक्षों के वकीलों के पास बातचीत की कोई गुंजाइश है या दरवाजे बंद हैं ? रमानी के वकील ने ‘न’ में जवाब दिया और कहा, ‘‘नहीं, हमारा रुख स्पष्ट है. रमानी अपने बयान पर कायम हैं. यदि शिकायतकर्ता शिकायत वापस लेना चाहता है तो वह इसे संज्ञान में ला सकते हैं.’’

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दूसरी ओर, लूथरा ने कहा, ‘‘मैंने अपने मामले को देखा है. यदि आरोपी माफी मांगती है...यदि उनकी (आरोपी और उनके वकील) की तरफ से कोई संकेत है तो मैं अपने ‘ब्रीफिंग वकील’ से कहूंगी.’’ ब्रीफिंग वकील मुवक्किल और वरिष्ठ अधिवक्ता के बीच की कड़ी होते हैं. रमानी के वकील के अभिवेदन के बाद अकबर की वकील ने कहा, ‘‘हमें गुण-दोष पर जारी रखना चाहिए.’’

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पत्रकार ने अकबर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लगभग 20 साल पहले उनके साथ यौन कदाचार किया था. अकबर ने इसपर रमानी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर की. रमानी ने अकबर पर तब आरोप लगाया था जब 2018 में ‘मी टू’ आंदोलन जोर पकड़ रहा था. उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप सच हैं. मामले में अंतिम दलीलों पर फिर से सुनवाई शुरू करने वाले अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को दोनों पक्षों से पूछा था कि क्या उनके बीच मामले को निपटाने की कोई गुंजाइश है. मामले में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के पिछले सप्ताह दूसरी अदालत में तबादले के बाद अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पांडेय ने अंतिम दलीलों पर फिर से सुनवाई शुरू की थी.