Har Har Mahadev: शिवाजी महाराज पर आधारित फिल्म के खिलाफ दर्शकों पर चलाई गई लाठी, अब लिया जाएगा एक्शन
हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' आज कल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के पुणे और ठाणे में फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसके चलते इसकी स्क्रीनिंग रोक दी गई है.
शिवाजी महाराज पर आधारित फिल्म के खिलाफ दर्शकों पर चलाई गई लाठी( Photo Credit : Social Media)
हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' आज कल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के पुणे और ठाणे में फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जिसके चलते इसकी स्क्रीनिंग रोक दी गई है. पुणे शहर में जहां एक मराठा संगठन के सदस्यों ने शो को रोक दिया था. वहीं, ठाणे में पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कथित तौर पर एक मल्टीप्लेक्स में फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए कार्यकर्ताओं को लीड किया था. साथ ही अब पूर्व मंत्री आव्हाड और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद फिल्म के डायरेक्टर अभिजीत शिरीष देशपांडे ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही.
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दरअसल, बीती रात ठाणे मॉल में 'हर हर महादेव' फिल्म को जबरन बंद कर दर्शकों के साथ मारपीट करने के आरोप में केस दर्ज किया गया. आरोपियों के खिलाफ वर्तकनगर थाने में आईपीसी की धारा 141,143,146,149,323,504 और मुंबई पुलिस की धारा 37/135 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद देखना होगा कि फिल्म निर्देशक क्या एक्शन लेते हैं. मेकर्स का मानना है कि थिएटर में जाकर दर्शकों को परेशान करना लीगल नहीं है.
आपको बता दें कि शरद केलकर-स्टारर इस फिल्म को लेकर दावा किया गया कि फिल्म में शिवाजी महाराज के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है. उदाहरण के तौर पर 'हर हर महादेव' में शिवाजी महाराज और बाजीप्रभु के बीच की लड़ाई को देखा जा रहा है. जहां बाजीप्रभु शिवाजी को अफजल खान के बारे में सुझाव देते हुए दिखाई देते हैं, जिससे पता चलता है कि शिवाजी को अपने दुश्मनों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. साथ ही आरोप है कि शिवाजी महाराज के किरदार को भी अच्छे से पेश नहीं किया गया है. इसके अलावा 'मराठा' और 'मराठी' शब्दों का बार-बार इस्तेमाल किया गया है. लोगों का मानना है कि ये मराठा सांस्कृतिक संघर्ष पर भी सवाल उठाता है.
इसके अलावा 7 नवंबर को पूर्व राज्यसभा सदस्य और कोल्हापुर शाही परिवार के वंशज संभाजी छत्रपति ने चेतावनी दी थी कि अगर भविष्य में राजा छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित फिल्मों में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है, तो वह ऐसी फिल्मों का विरोध करेंगे और उनकी रिलीज को रोकने के लिए सभी कोशिश करेंगे.