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केष्टो मुखर्जी ने कुत्ता बनकर दिया ऑडिशन, चेहरा देखकर ही छूटती थी हंसी

किष्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) फिल्मों में शराबी की अक्सर भूमिका में नजर आते थे. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी शराब को हाथ तक नहीं लगाई. यानी बिना शराब को चखे वो शराबी का किरदार बड़े बेहतर ढंग से निभाते थे.

Updated on: 07 Aug 2021, 09:09 AM

highlights

  • केष्टो ने ज्यादातर फिल्मों में शराबी की भूमिका निभाई
  • केष्टो ने बंगाली फिल्म नागरिक से एक्टिंग में कदम रखा था
  • फिल्ममेकर ऋत्विक घटक केष्टो को बॉलीवुड में लेकर आए थे

नई दिल्ली:

छोटे-छोटे किरदार निभाने वाले अभिनेता फिल्मों को हिट से सुपरहिट बना सकते हैं. ये बात साबित की थी केष्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) ने. किष्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) फिल्मों में शराबी की अक्सर भूमिका में नजर आते थे. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी शराब को हाथ तक नहीं लगाई. यानी बिना शराब को चखे वो शराबी का किरदार बड़े बेहतर ढंग से निभाते थे. किष्टो मुखर्जी का जन्म 7 अगस्त 1925 को कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था. पहले वह नुक्कड़ नाटकों में अपनी कला दिखाते थे, लेकिन फिर फिल्मों में काम करने के लिए वह मुंबई आ गए. 

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केष्टो को फिल्ममेकर ऋत्विक घटक इस इंडस्ट्री में लेकर आए थे. केष्टो ने बंगाली फिल्म नागरिक से साल 1952 में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा हालांकि ना तो ऋत्विक घटक और ना ही केष्टो इस फिल्म को देख पाए क्योंकि ये फिल्म दोनों के निधन के बाद रिलीज हुई थी. ऋषिकेश मुखर्जी ने फिर उन्हें कई फिल्मों में काम करवाया. केष्टो इसके बाद कई फिल्मों में सिर्फ शराबी के किरदार में ही नजर आए.

उनकी पहली बंगाली फिल्म ‘नागरिक’ थी, जिसमें कैस्टो मुखर्जी ने बड़ा अच्छा रोल निभाया था. भारतीय सिनेमा में कई कॉमेडियन ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दर्शकों को खूब हंसाया. जॉनी वॉकर, महमूद, राजेंद्रनाथ, टुनटुन, असरानी, जगदीप जैसे दिग्गज कलाकारों के बीच कुछ कलाकार ऐसे भी हुए, जिनका काम कम होता था, लेकिन उनकी अदाकारी का बातें आज भी होती हैं. कैस्टो मुखर्जी (Keshto Mukherjee) उन्हीं कलाकारों में से एक हैं.

ऋषिकेश मुखर्जी ने इन्हें ‘मुसाफिर’ में एक मौका दिया. फिल्म जबरदस्त हिट हुई और केष्टो मुखर्जी उस दौर के सभी फिल्म निर्माताओं की संपर्क में आ गए. अपने 30 साल लंबे फ़िल्मी करियर में उन्होंने तकरीबन 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इनमें से ज्यादा फिल्मों में वह केवल शराबी के रोल में ही दिखाई दिए. वैसे आपको बता दें कि केष्टो की एक्टिंग देखकर आपको भले ही लगे कि वह असल में शराब पिए होंगे लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं था.

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कहते हैं कि केस्टो जब काम के सिलसिले में बंबई में भटक रहे थे, तब उनकी मुलाकात महान निर्देशक बिमल रॉय से हुई. केस्टो ने उनसे कहा कि ‘साहब मेरे लायक कोई काम है तो बता दीजिए’. उनकी ये बात सुनकर बिमल दा बोले अभी तो कुछ नहीं है, फिर कभी आना, लेकिन काम के लिए परेशान कैस्टो वहां से हिले नहीं और टक टकी  लगाए लगातार बिमल रॉय को देखते रहे. कैस्टो को देख उन्हें बेहद गु्स्सा आया. उन्होंने गुस्से में कहा कि अभी एक कुत्ते की जरुरत है, क्या तुम भौक सकते हो? कैस्टो काम के नाम पर कुछ भी कर सकते थे, उन्होंने तुरंत इसके लिए हामी भरी और बोले हां मैं कर सकता हूं. एक बार मौका देकर देखिए. थोड़ी ही देर में उन्होंने कुत्ते की आवाज निकाली और बिमल दा ने उन्हें फिल्म में काम दे दिया.