logo-image

Tejas: 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देखने गुजरात पहुंची कंगना रणौत, शेयर की तस्वीर 

अपने मोस्ट अवेटेड एक्शन ड्रामा 'तेजस' (Tejas) की रिलीज से पहले, कंगना रनौत ने भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को गुजरात के केवडिया के पास स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया.

Updated on: 18 Oct 2023, 11:17 AM

New Delhi:

Kangana Ranaut Visits Statue of Unity: अपने मोस्ट अवेटेड एक्शन ड्रामा 'तेजस' (Tejas) की रिलीज से पहले, कंगना रनौत ने भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को गुजरात के केवडिया के पास स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया. उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की तारीफ करते हुए एक लंबा पोस्ट भी शेयर किया. इसके साथ उन्होंने अपनी एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के तरफ देखती हुई नजर आ रही हैं. 

एक्ट्रेस ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखना बेहद रोमांचकारी अनुभव था. भारत के पहले चुने गए प्रधान मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, जिन्हें अपनी अच्छी कुर्सी पर बैठने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि वह अंग्रेजी में बहुत अच्छे नहीं थे, भले ही उन्होंने देश को अपनी बाहों में वैसे ही पकड़ रखा था जैसे शिव ने सती के विघटित शरीर को पकड़ रखा था. वह भारत की अखंडता के पीछे का कारण हैं जैसा कि हम आज जानते हैं.'' कंगना ने आगे कहा, "इस गुमनाम राष्ट्रीय नायक के लिए इस तरह के सुयोग्य गीत ने मुझमें और आने वाली फिल्म तेजस की मेरी पूरी टीम में गर्व और राष्ट्रवाद की भावना जगा दी."

 
 
 
 
 
View this post on Instagram
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Kangana Ranaut (@kanganaranaut)

उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें बैकग्राउंड में वंदे मातरम का म्यूजिक सुनाई दे रहा है. उन्होंने कहा “रोंगटे खड़े कर देने वाला पल जब कार में मेरे सामने मूर्ति प्रकट हुई तो यह बीजीएम (वंदे मातरम) मेरे दिमाग में बजने लगा. दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा, इसकी ऊंचाई लगभग 70 मंजिला इमारत के बराबर है,'' 

यह भी पढ़ें - बेटी देवी के साथ बिपाशा ने शेयर किया क्यूट वीडियो, जमीन पर दौड़ते दिखे नन्हे कदम

आपको बता दें कि, यह प्रतिमा सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी नीचे की ओर नर्मदा पर साधु द्वीप पर स्थित है. यह 182-मीटर (597 फीट) लंबा है, लगभग 40-मंजिला इमारत की ऊंचाई; समुद्र तल से 237.35 मीटर ऊपर उठता है. 2,989 करोड़ रुपये की इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 42 महीने लगे और 3,400 मजदूरों और 250 इंजीनियरों ने चौबीसों घंटे काम किया.