logo-image
लोकसभा चुनाव

डिप्रेशन पर गुलशन देवैया ने कहा- कैंसर या टी.बी. की तरह इलाज होना चाहिए

गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah) 'शैतान', 'गोलियां की रासलीला राम-लीला', 'हंटर', 'ए डेथ इन द गंज' और 'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसी फिल्मों में दिखाई दे चुके हैं

Updated on: 17 Sep 2020, 12:50 PM

नई दिल्ली:

अभिनेता गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah) का कहना है कि डिप्रेशन को एक बीमारी के रूप में स्वीकार करने की बजाय लोग इसे एक मानसिक अवस्था के तौर पर लेते हैं. गुलशन ने मीडिया को बताया, 'डिप्रेशन को एक बीमारी के तौर पर स्वीकार करने में समस्या है क्योंकि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह केवल मन की एक अवस्था है या यह एक भावना है. जैसे - अगर मैंने एक लड़की को प्रस्ताव दिया और उसने मुझे ठुकरा दिया और मैं कहता हूं कि 'मैं उदास हूं'. इसे केवल मेरी मन की अवस्था माना जाएगा.'

यह भी पढे़ं: कंगना ने उर्मिला को बताया 'सॉफ्ट पोर्न स्टार', बचाव में उतरे ये सेलेब्रिटी

गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah)ने आगे कहा, 'डिप्रेशन का उपयोग किसी चीज पर प्रतिक्रिया देने की अभिव्यक्ति के तौर पर होता है. जब किसी मेंटल हेल्थ प्रैक्टिसनर या डॉक्टर द्वारा डिप्रेशन की पहचान की जा रही है तो जाहिर है कि यह एक बीमारी है. इसका किसी बीमारी जैसे कैंसर या टी.बी. की तरह इलाज होना चाहिए.'

यह भी पढ़ें: रिया केस में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर रकुलप्रीत पहुंची दिल्ली हाईकोर्ट

डिप्रेशन के इलाज को लेकर उन्होंने कहा, 'ऐसे कई लोग हैं जो इसके इलाज के लिए भारी दवाएं लेते हैं. जबकि इसके इलाज का पहला कदम यह है कि आप यह स्वीकार करें कि यह एक बीमारी है, फिर इसे लेकर आपका ²ष्टिकोण बदल जाएगा.' गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah)ने आगे कहा, 'हर कोई सोचता है कि यह मन की अवस्था है और थोड़ी सी फिलासफी (दर्शन) का उपयोग इसमें कारगर होगा. ऐसा नहीं है आपको पहले इसे बीमारी के तौर पर स्वीकार करना होगा.' गुलशन देवैया (Gulshan Devaiah) 'शैतान', 'गोलियां की रासलीला राम-लीला', 'हंटर', 'ए डेथ इन द गंज' और 'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसी फिल्मों में दिखाई दे चुके हैं.