धर्मेंद्र का एक ऐसा काम, जिसने राजस्थान के छात्रों का जीत लिया था दिल

देश के मशहूर अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र का सोमवार को 89 के उम्र में निधन हो गया. धर्मेंद्र के निधन के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में शोक की लहर देखने को मिली.

देश के मशहूर अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र का सोमवार को 89 के उम्र में निधन हो गया. धर्मेंद्र के निधन के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में शोक की लहर देखने को मिली.

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Ravi Prashant
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Rajasthan University Dharmendra Connection

एक्टर धर्मेंद्र Photograph: (ANI)

देश के मशहूर अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र का सोमवार को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके जाने से फिल्म जगत ही नहीं, राजनीति और आम लोगों के बीच भी गहरा खालीपन महसूस किया जा रहा है. पर्दे पर हीरो की छवि से अलग, असल जिंदगी में भी वे लोगों की समस्याओं के साथी माने जाते थे. सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई यादें फिर जीवंत हो रही हैं. इन्हीं में से एक कहानी राजस्थान की है, जिसे आज भी वहां के लोग प्यार से याद करते हैं.

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बीकानेर से थे सांसद

धर्मेंद्र ने बीकानेर से लोकसभा चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की थी. वह साल 2004-2009 तक बीकानेर से बीजेपी के सासंद रहें. इस जीत के बाद उनका बीकानेर से एक अपनापन जैसा रिश्ता बन गया. जब भी वे जनता के बीच जाते, लोग उनकी बात से ज्यादा उनकी एक झलक को सहेज लेने के लिए उत्साहित दिखते. सड़क पर, कार्यक्रमों में, या किसी दफ़्तर में, जहां भी जनता उनसे मिलती, लोग ऑटोग्राफ मांगते, सेल्फी लेने को आगे बढ़ जाते. जिस तरह आम दर्शक उन्हें बड़े पर्दे पर देखते आए थे, वही मोह आज सामने जीवंत हो उठता. 

राजस्थान के छात्र हो गए थे परेशान

लेकिन, इस दीवानगी के पीछे सिर्फ उनकी स्टार पहचान नहीं, लोगों के लिए उठाए गए कदम भी थे. इसी वजह से राजस्थान यूनिवर्सिटी से जुड़ा एक किस्सा आज भी वहां की गलियों में सुनाई दे जाता है. उस समय विश्वविद्यालय की फीस में अचानक बढा दी गई थी, जिससे प्रदेश भर के छात्र चिंतित हो गए. आंदोलन हुए, नाराजगी बढ़ी, लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा था. ऐसे समय में छात्रों ने अपनी समस्या लेकर धर्मेंद्र से मिलने का फैसला किया.

फीस करवा दी कम

छात्रों को सुनने के बाद धर्मेंद्र तुरंत एक्टिव हो गए. वे खुद तत्कालीन राज्यपाल प्रतिभा पाटिल से मिलने पहुंचे. उन्होंने छात्रों की मुश्किल समझाई और फीस बढ़ोतरी वापस लेने का आग्रह किया. राज्यपाल ने धर्मेंद्र की बात मानते हुए फीस कम करने का फैसला लिया. यह फैसला छात्रों के लिए राहत ही नहीं, धर्मेंद्र की संवेदनशील छवि की पहचान भी बन गया.

यही वजह है कि आज भी राजस्थान में धर्मेंद्र को केवल अभिनेता नहीं, बल्कि एक ऐसे जनप्रतिनिधि के तौर पर याद किया जाता है, जिसने लोगों की आवाज सुनकर उसे सही जगह तक पहुंचाया. उनके जाने के बाद भी वह किस्सा लोगों के दिलों में जिंदा है. 

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