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इंटरनेशनल क्रिकेट को बाय-बाय बोल चुके MS धोनी का नया अवतार, जानें किस थीम पर कर रहे काम

साक्षी (Sakshi Dhoni) और एमएसडी ने अपने बैनर धोनी एंटरटेनमेंट को 2019 में डॉक्यूमेंट्री 'द रोर ऑफ द लायन' के साथ लॉन्च किया था. अब, वे एक ऐसी वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं, जो कि एक नवोदित लेखक द्वारा लिखित एक अप्रकाशित पुस्तक का रूपांतरण है

Updated on: 01 Oct 2020, 10:21 AM

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) और उनकी पत्नी साक्षी (Sakshi Dhoni) ने क्रिकेट से परे बहुत अलग व अन्य खेल में रन बनाने की योजना बनाई है. वे एक वेब सीरीज के साथ ओटीटी स्पेस में प्रवेश कर रहे हैं. साक्षी (Sakshi Dhoni) और एमएसडी ने अपने बैनर धोनी एंटरटेनमेंट को 2019 में डॉक्यूमेंट्री 'द रोर ऑफ द लायन' के साथ लॉन्च किया था. अब, वे एक ऐसी वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं, जो कि एक नवोदित लेखक द्वारा लिखित एक अप्रकाशित पुस्तक का रूपांतरण है.

साक्षी ने मनोरंजन जगत में एंट्री करने के धोनी के फैसले पर मीडिया से बातचीत की.

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साक्षी ने कहा, 'मैंने क्रिएटिव एक्शन में विचार और सोच पेश करने की प्रक्रिया पर अधिक ध्यान दिया है. स्क्रीन पर जीवन के लिए एक अवधारणा को देखने की खुशी मुझे मंत्रमुग्ध करती है, और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रक्रिया गुणवत्तापरक हो. जब हम 'द रोर ऑफ द लायन' विकसित कर रहे थे, तो हमने सोचा कि यह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आने का सही समय है.'

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उन्होंने आगे कहा, 'नई परियोजना असाधारण रूप से अच्छी तरह से लिखी गई है और लेखक द्वारा बनाई गई दुनिया रोमांचक है जिसे हम आपकी स्क्रीन पर लाने का इंतजार कर रहे हैं, यह जादुई यथार्थवाद है. यह पौराणिक साइंस-फिक्शन है जो एक रहस्यमय 'अघोरी' की यात्रा के बारे में बताता है.'

दिलचस्प बात यह है कि धोनी को कंपनी का अल्फा और साक्षी को कंपनी का अल्फा 1 कहा जाता है. साक्षी ने कहा, 'सेना के लिए माही का प्यार जगजाहिर है. हमने पदनाम को ऐसा रैंक देकर एक अलग टच देने के बारे में सोचा. यह सशस्त्र बलों के लिए हमारे सम्मान और प्रशंसा का विस्तार है.'

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साक्षी ने महामारी के बीच जिंदगी और अपनी पांच साल की बेटी जीवा को घर पर कैसे रखा, इस बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है, मेरी पेरेंटिंग स्टाइल विकसित होने के बजाय, मैं जीवा के साथ स्कूल जाने लगी हूं, जैसे मेरा उसके सभी ऑनलाइन क्लासेस के साथ शामिल होना, उसके साथ बैठना. लॉकडाउन के दौरान समय की मांग थी कि बच्चों को अपना होमवर्क कराने के लिए नवीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए और मेरी प्रक्रिया भी यही थी.'

लॉकडाउन के दौरान साक्षी ने लेखनी में भी हाथ आजमाया. उन्होंने साझा किया, 'मुझे अपने व्यक्तित्व के पहलुओं को एक्सप्लोर करने के लिए बहुत समय मिला. मैं स्वभाव से एक एक्सप्रेसिव व्यक्ति हूं और कविताएं लिखना एक शौक बन गया है. विषय कुछ भी हो सकता है, दुनिया भर की घटनाओं से लेकर मातृ प्रेम को व्यक्त करने तक. लेखन एक अभ्यास है जिसका मैं पूरी तरह से आनंद लेती हूं.'