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National Film Awards: छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘भूलन द मेज’ को मिला ये अवॉर्ड..

छत्तीसगढ़ी फिल्म भूलन द मेज (Bhulan The Maze) को सर्वश्रेष्ठ छत्तीसगढ़ी फिल्म (Chhattisgarhi Film) का अवार्ड दिया गया है. पहली बार किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म को इतनी बड़ी उपलब्धि मिली है.

Updated on: 22 Mar 2021, 07:32 PM

highlights

  • पहली बार किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म को मिला नेशनल अवॉर्ड
  • संजीव बक्शी के उपन्यास ‘भूलन कांदा’ पर बनी है ‘भूलन द मेज’
  • गरियाबंद से 30 किलो मीटर दूर भुजिया गांव में हुई शूटिंग

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Awards) के 67वें समारोह की आज घोषणा की गई. नेशनल मीडिया सेंटर में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की है. पीआईबी ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया के जरिए इस बात की जानकारी दी है. छत्तीसगढ़ी फिल्म भूलन द मेज (Bhulan The Maze) को सर्वश्रेष्ठ छत्तीसगढ़ी फिल्म (Chhattisgarhi Film) का अवार्ड दिया गया है. पहली बार किसी छत्तीसगढ़ी फिल्म को इतनी बड़ी उपलब्धि मिली है. इससे पहले भी इस फिल्म को कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. कोलकाता के रेज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी सम्मानित किया जा चुका है. 

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इटली के मेडिटेरियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी इस फिल्म को शामिल किया जा चुका है. इस फिल्म के डायरेक्टर मनोज वर्मा से खास बातचीत की न्यूज़ स्टेट संवाददाता आदित्य नामदेव ने. संजीव बक्शी के उपन्यास ‘भूलन कांदा’ पर ‘भूलन द मेज’ (Bhulan The Maze) नामक फिल्म बनाई गई है, न्याय व्यवस्था पर लोगों का और विश्वास बढ़ाना इस फिल्म का उद्देश्य है. इस फिल्म के डायरेक्टर मनोज वर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भूलन कांदा नाम का एक पौधा होता है. उन्होंने कहा कि यह माना जाता है कि किसी का पैर इस पर पड़ गया तो फिर वह सब कुछ भूल जाता है जब तक कोई दूसरा शख्स को से हाथ न लगाएं.  

बता दें कि ढाई साल में लिखी स्क्रिप्ट, कैलाश खेर का म्यूजिक: फिल्म को लिखने में ढाई साल का वक्त लगा, जबकि फिल्म बनाने में एक महीने का समय. इसकी शूटिंग गरियाबंद से 30 किलो मीटर दूर भुजिया गांव में हुई थी. इसमें एक्टर ओंकार दास मानिकपुरी, मुकेश तिवारी, अनिमा पगारे, राजेंद्र गुप्ता, अशोक मिश्रा के अलावा आशीष शेंडे, संजय महानंद, पुष्पेंद्र सिंह, सलीम अंसारी, सुरेश, अमर सिह, उपासना, उषा, सेवकम और हेमलाल मुख्य भूमिका में हैं. टाइटल सॉन्ग की म्यूजिक कैलाश खेर ने दी है.

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मनोज बाजपेयी को मिला बेस्ट एक्टर अवॉर्ड

एक बार फिर से नेशनल अवॉर्ड में एक्टर मनोज बाजपेयी का जलवा देखने को मिला. मनोज बाजपेयी को तीसरी बार नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इस साल मनोज बाजपेयी को फिल्म ‘भोंसले’ (Bhonsle)  के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इस फिल्म का डायरेक्शन देवाशीष मखीजा ने किया था. फिल्म में विस्थापितों के संघर्ष को दिखाया गया था. इस फिल्म में मनोज वाजपेयी ने ‘गणपतराव भोंसले’ पुलिस वाले का किरदार निभाया है. फिल्म को पिछले साल जून 2019 में सोनी लिव पर रिलीज किया गया था. 

कोरोना महामारी के बीच रिलीज हुए इस फिल्म को दर्शकों ने बेहद सराहा था. फिल्म ‘भोंसले’ में मनोज वाजपेयी ने एक ऐसे पुलिसवाले की भूमिका निभाई है जो प्रवासियों के संघर्ष और स्थानीय नेताओं से लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा इस फिल्म में महानगरी मुंबई में जिंदगी जीने के लिए जद्दोजहद कर वालों की परेशानी भी दिखाई गई है. इस फिल्म में अलग अलग जातियों के मुद्दे को भी उठाया गया है.