New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/11/12/kunakamra-54.jpg)
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट कर फंस गए कुणाल कामरा( Photo Credit : फोटो- @kuna_kamra Instagram)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट कर फंस गए कुणाल कामरा( Photo Credit : फोटो- @kuna_kamra Instagram)
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने हास्य कलाकार कुणाल कामरा (Kunal Kamra) के उच्चतम न्यायालय की कथित आलोचना वाले ट्वीट के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी है. वेणुगोपाल ने कहा कि ये ट्वीट बहुत आपत्तिजनक हैं और समय आ गया है कि लोग समझ लें कि शीर्ष अदालत को निशाना बनाने पर सजा मिलेगी. वेणुगोपाल ने कहा कि आज लोग मानते हैं वे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करते हुए 'मुखरता और बेशर्मी' से उच्चतम न्यायालय और न्यायाधीशों की आलोचना कर सकते हैं लेकिन संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है.
यह भी पढ़ें: अविका गौर ने बताया किस को कर रही हैं डेट, कहा- लव ऑफ माई लाइफ...
कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष विधि अधिकारी से सहमति मांगी थी. वेणुगोपाल ने एक याचिकाकर्ता को अपने पत्र में लिखा है, 'मैंने कुणाल कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति के संबंध में जिक्र किए गए ट्वीट पर गौर किया है. ये ट्वीट ना केवल बहुत आपत्तिजनक हैं बल्कि हास्यबोध और अदालत की अवमानना के बीच की रेखा को भी साफ तौर पर पार करते हैं.' पत्र में उन्होंने कहा है, 'इसलिए मैं कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू करने पर अपनी सहमति दे रहा हूं.'
यह भी पढ़ें: अदा शर्मा ने लुंगी पहनकर किया जोरदार डांस, देखें Viral Video
अदालत की अवमानना कानून 1971 की धारा 15 के तहत किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की संस्तुति आवश्यक है . अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अन्य ट्वीट भी काफी आपत्तिजनक हैं और यह फैसला अदालत को करना है कि क्या इन ट्वीटों से उच्चतम न्यायालय की अवमानना हुई है ? उन्होंने कहा, 'मैं देखता हूं कि आज लोग मानते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत जो उन्हें लगता है उस पर वे मुखरता और निर्लज्जता से उच्चतम न्यायालय और उसके न्यायाधीशों की आलोचना कर सकते हैं.'
यह भी पढ़ें: एली एवराम ने ब्लैक बिकिनी में ढाया कहर, देखें Photo
कामरा के ट्वीट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ट्वीट में 'उच्चतम न्यायालय इमारत की एक तस्वीर भी है जिसे भगवा रंग में दिखाया गया है और इमारत पर सत्तारूढ़ पार्टी का झंडा लगा है.' उन्होंने कहा, 'यह उच्चतम न्यायालय पर घोर आक्षेप है कि न्यायालय स्वतंत्र और निष्पक्ष संस्थान नहीं है और उसके न्यायाधीश भी नहीं, बल्कि यह सत्तारूढ़ दल भाजपा की अदालत है और भाजपा के लिए है. मेरी राय में इससे अदालत की अवमानना हुई है.' कामरा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति का अनुरोध करते हुए एक पत्र में तीन वकीलों ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को शीर्ष अदालत द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद कामरा ने अपने ट्वीट के जरिए उच्चतम न्यायालय की गरिमा को कम करने का प्रयास किया. एक अन्य पत्र में पुणे के वकील ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश पर आपत्तिजनक टिप्पणी और उच्चतम न्यायालय परिसर की गलत तस्वीर ट्विटर पर प्रकाशित की गयी.
Source : Bhasha