बॉलीवुड में सिर्फ कैमरे के सामने आकर डायलॉग बोलना एक्टिंग नहीं कहलाता. असली कलाकार वो होता है जो अपने किरदार में इस कदर डूब जाए कि असली और नकली में फर्क ही न दिखे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे स्टार्स के बारे में, जिन्होंने रोल के लिए सिर्फ बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन नहीं किया, बल्कि अपने आराम, शरीर और मेंटल स्पेस तक को दांव पर लगा दिया.
विक्की कौशल – छावा बनकर दिखाया असली दम
विक्की कौशल (Vicky Kaushal) की फिल्म ‘छावा’ हिट रही. लेकिन उसके पीछे छुपी मेहनत किसी को कम नजर नहीं आई. एक्टर ने तलवारबाजी सीखी. घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली और 25 किलो वजन बढ़ाया. सिर्फ लुक नहीं, वो किरदार की आत्मा तक पकड़ना चाहते थे.
रणदीप हुड्डा – जब किरदार बना जुनून
रणदीप हुड्डा (Actor Randeep Hooda) का नाम आते ही एक डेडिकेटेड एक्टर की छवि सामने आती है. फिल्म ‘सरबजीत’ के लिए उन्होंने अपनी बॉडी को हड्डियों का ढांचा बना दिया. उन्होंने 18 किलो वजन घटाकर खुद को एक कैदी जैसा बना लिया. अब उनकी अगली फिल्म ‘जाट’ में वो एक विलेन बनकर आने वाले हैं. इस बार उन्होंने अपनी आवाज से लेकर चाल-ढाल तक सब बदल डाला है.
आमिर खान – परफेक्शन की परिभाषा
आमिर खान (Aamir Khan) तो वैसे भी मिस्टर परफेक्शनिस्ट हैं. लेकिन फिल्म ‘दंगल’ के लिए उन्होंने जो किया, वो एक्टिंग के लिए जुनून का जीता-जागता उदाहरण है. 30 किलो वजन बढ़ाया. फिर उसी फिल्म में खुद को दुबारा फिट भी किया. यही कारण है कि आमिर की फिल्में सिर्फ फिल्म नहीं, एक्सपीरियंस बन जाती हैं.
राजकुमार राव – ट्रैप्ड में खुद को कर लिया कैद
राजकुमार राव ने फिल्म ‘ट्रैप्ड’ के लिए खुद को हकीकत में भूखा रखा. ताकि उनकी आंखों में थकावट और शरीर में कमजोरी दिखे. 13 किलो वजन कम किया और कई दिनों तक खुद को आइसोलेट किया ताकि किरदार में भावनात्मक गहराई आ सके.
रणबीर कपूर – सिर्फ मेकअप नहीं, किरदार को जिया
रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) ने ‘संजू’ के लिए सिर्फ मेकअप नहीं किया. उन्होंने 10-13 किलो वजन बढ़ाया, बॉडी लैंग्वेज सीखी और यहां तक कि संजय दत्त की चाल तक को कॉपी किया. वो किरदार में इतने घुल गए कि दर्शकों को यकीन नहीं हुआ कि वो रणबीर हैं.
रणवीर सिंह – एक्टिंग के लिए कर दिया सब कुछ बलिदान
जब ‘बाजीराव मस्तानी’ की बारी आई, तो रणवीर (Ranveer Singh) ने सच में अपने बाल मुंडवा लिए. ‘पद्मावत’ के लिए वजन बढ़ाया, हेयर स्टाइल बदला और अपने लुक को पूरी तरह से रोल के अनुसार ढाल लिया. रणवीर का यही जुनून उन्हें अलग बनाता है.
एक्टिंग का नाम है समर्पण
इन स्टार्स ने साबित कर दिया कि असली एक्टिंग सिर्फ शब्दों में नहीं होती, वो तो शरीर, मन और आत्मा तीनों का मेल होती है. और यही समर्पण उन्हें बाकी एक्टर्स से अलग करता है.
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