Ayesha Jhulka Birthday: हम जिस एक्ट्रेस की बता कर रहे हैं, वो कोई नहीं बल्कि 90 के दशक की बेहतरीन अदाकारा आयशा जुल्का हैं. जी हां, सिनेमा की मशहूर और खूबसूरत अदाकाराओं में शुमार रहीं आयशा जुल्का 28 जुलाई को अपना 53वां जन्मदिन मना रही हैं. अपनी मासूमियत, सादगी और बेहतरीन अभिनय के दम पर उन्होंने इंडस्ट्री में एक खास मुकाम हासिल किया. ऐसे में चलिए उनके इस खास दिन पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ बातें...
कश्मीर से बॉलीवुड तक का सफर
आपको बता दें कि आयशा जुल्का का जन्म 28 जुलाई 1972 को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड में अपना डेब्यू साल 1991 में फिल्म ‘कुर्बान’ से किया, लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1992 में आई सुपरहिट फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ से मिली, जिसमें उन्होंने आमिर खान के साथ मुख्य भूमिका निभाई थी. फिल्म का गाना ‘पहला नशा’ आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है.
30 साल में 45 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
आयशा ने अपने करियर में 45 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया. उनकी बेहतरीन फिल्मों में लिस्ट में ‘खिलाड़ी’, ‘दलाल’, ‘वक्त हमारा है’,
‘चाची 420’, ‘कोहराम’, ‘ब्रह्मा’, ‘मुकद्दर’, ‘संग्राम’, ‘दंड नायक’ शामिल हैं. वहीं आयशा जुल्का ने एक वक्त पर बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में अपना नाम दर्ज कराया था.
नहीं था शादी का इरादा
वहीं आयशा ने साल 2003 में समीर वशी से शादी की थी. हालांकि, एक समय ऐसा था जब उन्होंने शादी न करने का फैसला कर लिया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, 'मैंने तय कर लिया था कि शादी नहीं करूंगी. शायद किसी खराब रिश्ते के अनुभव के चलते मुझे ऐसा लगा.'
आयशा ने बताया कि उनके इस फैसले से परिवार भी सहमत था, लेकिन एक दिन उनकी मां और बहन की मुलाकात एक मेडिटेशन क्लास में समीर से हुई और वही मुलाकात उनकी जिंदगी बदल गई.'
160 बच्चों की जिम्मेदारी
आयशा और समीर के कोई अपने बच्चे नहीं हैं, और ये फैसला उन्होंने आपसी सहमति से लिया है. इसके पीछे की वजह बताते हुए आयशा ने कहा, 'हमने गुजरात के दो गांव गोद लिए हैं और वहां के 160 बच्चों के खाने-पीने और पढ़ाई की जिम्मेदारी हम दोनों ने उठाई है. जब मैंने समीर को अपनी सोच बताई, तो उन्होंने भी इसे अपनाया. हम दोनों इस फैसले में खुश हैं.'
समाजसेवा में हैं एक्टिव
आयशा और समीर ने सिर्फ अपने जीवन में खुशियां नहीं चुनीं, बल्कि दूसरों की जिंदगी बेहतर बनाने का जिम्मा भी उठाया है. गांवों के बच्चों की देखभाल कर वो मदरहुड का एक अलग लेकिन सशक्त रूप निभा रही हैं. आयशा जुल्का का जीवन इस बात की मिसाल है कि सफलता सिर्फ करियर में ही नहीं, बल्कि निजी और सामाजिक जिम्मेदारियों में भी मापी जाती है.
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