Bhool Chuk Maaf Review: राजकुमार राव भारतीय सिनेमा के सबसे विश्वसनीय और प्रतिभाशाली अभिनेता बन चुके हैं. अगर वह किसी फिल्म में हैं, तो यह मानकर चला जाता है कि फिल्म आपको न केवल मनोरंजन देगी, बल्कि उसकी कहानी भी दमदार तो होगी ही. वह जिस भी किरदार को निभाते हैं, ऐसा लगता है जैसे वह किरदार हमारे आस-पास का कोई आम इंसान हो. इस बार भूल चूक माफ में राजकुमार राव एक बार फिर हमें अपनी बेहतरीन अदाकारी से दिल जीतने आए हैं. और इस बार उनका साथ दे रहे हैं फिल्म के अन्य अद्भुत कलाकार, जिनमें वामीका गब्बी, संजय मिश्रा, सीमा पाहवा और रघुबीर यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं. ये सब मिलकर एक ऐसी फिल्म पेश करते हैं, जो पूरी तरह से एक पारिवारिक मनोरंजन है.
फिल्म का पूरा रिव्यू
जहां तक बात करें मैडॉक फिल्म्स की, तो यह बैनर पिछले कुछ वर्षों में दर्शकों को सर्वश्रेष्ठ कंटेंट देने में एक अग्रणी भूमिका निभा रहा है और भूल चूक माफ भी इस बार उसी दिशा में एक और शानदार कदम है. फ़िल्म के सह-निर्माता शारदा कार्की जलोटा, निर्माता दिनेश विजान, लेखक और निर्देशक करण शर्मा है.
भूल चूक माफ की कहानी रंजन (राजकुमार राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे शहर का साधारण लड़का है, और जिसे सरकारी नौकरी पाने का बहुत दबाव है. एक ओर, रंजन को अपने परिवार और समाज से उम्मीदों का सामना करना पड़ता है, तो दूसरी ओर उसे तितली (वामीका गब्बी) के रूप में एक ऐसी लड़की मिलती है, जो उसे खुद के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है. फिल्म हमें रिश्तों के मायने, परिवार की भूमिका, और अपनी गलतियों से सीखने की बात करती है.
करण शर्मा ने फिल्म का निर्देशन किया है और उन्होंने बेहतरीन तरीके से कहानी को पेश किया है. उन्होंने बिना किसी ओवरड्रामा के साधारण जीवन की जटिलताओं को बड़ी ही सहजता से दर्शाया है. फिल्म के लेखन और संवाद बहुत ही सरल और सजीव हैं. करण शर्मा ने कहानी को इस तरह लिखा है कि यह आम जीवन की सच्चाइयों को बिना किसी ओवरड्रामा के दर्शाता है. फिल्म के संवाद सहज हैं, जो दर्शकों से आसानी से जुड़ जाते हैं. हर किरदार का संवाद उसकी पहचान के मुताबिक है, जिससे फिल्म में कॉमेडी और भावनाओं का बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है.
राजकुमार राव का अभिनय फिर से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है. उन्होंने रंजन के किरदार में अपनी क्यूटनेस, सादगी और कॉमिक टाइमिंग के साथ-साथ भावनात्मक गहराई भी दिखायी है. उनके अभिनय में एक विश्वसनीयता है, जो दर्शकों को उन्हें अपने जैसा महसूस कराती है.
वामीका गब्बी ने भी अपनी भूमिका में नयापन लाया है. उनकी निडरता और स्वाभाविक अभिनय ने तितली के किरदार को दिलचस्प और प्रभावशाली बना दिया है. दोनों की जोड़ी बेहद आकर्षक है और फिल्म के हर रोमांटिक पल में आपको एक सच्ची कनेक्टिविटी महसूस होती है.
संजय मिश्रा, सीमा पाहवा, और रघुबीर यादव जैसे अभिनेता फिल्म में अपनी उपस्थिति से उसे और भी जीवंत बना देते हैं. इनकी कड़ी मेहनत और शानदार अभिनय ने फिल्म के हास्य और इमोशनल पहलुओं को शानदार तरीके से पेश किया है.
फिल्म का संगीत बहुत ही खूबसूरती से कहानी के साथ मेल खाता है. 'टिंग लिंग सजना' जैसे गाने न केवल सुनने में अच्छे हैं, बल्कि फिल्म के वातावरण को भी और भी जीवंत कर देते हैं. इन गानों का मूड फिल्म के सेंसिबल और हल्के-फुल्के टोन को सपोर्ट करता है.बनारस की लाइटिंग, गलियां और घाट फिल्म की लोकेशन को एक खूबसूरत पात्र बना देती हैं। यह जगह फिल्म की आत्मा को दर्शाती है.
भूल चूक माफ वास्तव में एक ऐसी फिल्म है, जो आपको हंसी और भावनाओं के साथ परिवार और रिश्तों की अहमियत सिखाती है. यह फिल्म बिना किसी ओवरड्रामा के आपको अपनी गलतियों को स्वीकार करने और दूसरे मौके देने की शक्ति देती है. अगर आप एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं, जो पूरी तरह से आपके परिवार के साथ बैठकर देखी जा सके, तो भूल चूक माफ आपके लिए एक आदर्श विकल्प है.
निर्माता दिनेश विजान और लेखक एवं निर्देशक करण शर्मा की शानदार मेहनत का परिणाम मानते हुए, हम कह सकते हैं कि भूल चूक माफ एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए एक खास जगह बना सकती है.
रेटिंग – 3.5/5
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