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Anupam Kher Mahesh Bhatt
Anupam Kher News: गोवा में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में इस बार जाने-माने एक्टर अनुपम खेर की फिल्म तन्वी द ग्रेट समेत उनकी तीन अन्य फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई. इसी मौके पर आयोजित मास्टरक्लास में अनुपम खेर ने अपने अनुभव, संघर्ष और करियर के अहम पड़ावों पर खुलकर बात की. उन्होंने मुस्कुराते हुए बताया कि वो समझ नहीं पा रहे थे कि दर्शकों से क्या बातें करें, इसलिए उन्होंने टॉकिंग प्वाइंट के लिए चैटजीपीटी की मदद ली.
अनुपम खेर ने कहा, 'मैं कोई असाधारण व्यक्ति नहीं हूं. मैं इसी दुनिया का इंसान हूं, जो अपने चाहने वालों से दिल की बात कर रहा है. मैं अपने बारे में बताने के साथ-साथ आपको खुद पर भरोसा करना सिखाना चाहता हूं.'
शुरुआती सफर को किया याद
अनुपम खेर ने याद किया कि छोटा शहर और गरीब परिवार से आने के कारण शुरुआती संघर्ष आसान नहीं थे. उन्होंने कहा, '1981 में जब मैं फिल्म इंस्टीट्यूट से पढ़कर मुंबई आया, तो लोग कहते थे कि सिर पर बाल नहीं हैं, इसलिए डायरेक्टर तो बन सकते हो, एक्टर नहीं. किस्मत से मेरी यही कमी मेरी सबसे बड़ी ताकत बनी और मुझे महेश भट्ट की फिल्म ‘सारांश’ मिली.' उन्होंने बताया कि वो 70 साल के हो चुके हैं, लेकिन अभी भी खुद को बूढ़ा नहीं मानते. एक्टर ने कहा, 'अगले 20 साल तक मैं लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड नहीं लूंगा.'
महेश भट्ट को दिया था ‘श्राप’
वहीं अनुपम खेर ने ‘सारांश’ के दौरान की एक दिलचस्प घटना भी साझा की. उन्होंने छह महीने तक ओल्ड करैक्टर की ट्रेनिंग ली थी, लेकिन बाद में महेश भट्ट ने कहा कि यह रोल संजीव कुमार करेंगे. तब एक्टर ने गुस्से में कहा, 'मैं ब्राह्मण हूं और आपको श्राप देता हूं कि संजीव कुमार मुझसे अच्छा यह रोल नहीं कर पाएंगे.' इसके बाद भट्ट ने उन्हें वापस बुलाया और वही रोल दे दिया. अनुपम खेर ने कहा, 'पहले दिन मैं सिर शेव कर धोती-कुर्ता पहनकर शूट पर पहुंचा, और भट्ट साहब बहुत खुश हुए. आज 40 साल बाद भी लोग ‘सारांश’ को याद करते हैं.'
मुम्बई के संघर्ष के दिन
उन्होंने बताया कि मुंबई आने पर उन्होंने स्ट्रगलर्स से भरे पम्पोश रेस्टोरेंट का माहौल देखा- जहां लोग देसी शराब पीकर फ्रस्ट्रेशन में रहते थे.
एक्टर ने कहा, 'मैं समझ गया कि अगर यहां रहा तो मैं भी कुछ साल बाद ऐसा ही हो जाऊंगा. फिर मैं वहां से अलग हो गया और बांद्रा की एक चॉल में चार लोगों के साथ रहने लगा. मेरा पहला पता था, ‘अनुपम खेर, 2/15 खेरवाड़ी, खेर रोड, खेर नगर, मुंबई’.'
‘सारांश’ के बाद मिली 57 फिल्में
‘सारांश’ की सफलता के बाद पहली ही हफ्ते में उन्होंने 57 फिल्में साइन कीं. उनकी दूसरी फिल्म ‘जवानी’ थी, जिसमें उन्हें मौसमी चटर्जी के अपोजिट रोल मिला. साइनिंग अमाउंट के रूप में मिले 10,000 रुपये को याद करते हुए खेर ने कहा, 'मुझे लग रहा था कि सड़क पर चल रहे सभी लोगों को पता है कि मेरी जेब में इतनी बड़ी रकम है. मैंने खुशी में अपने भाई को पब्लिक फोन से कॉल किया, तभी एक दाढ़ी वाला आदमी दिखा तो मैं डर भी गया. जैसे तैसे मैंने अपने भाई को बताया कि मुझे इतनी बड़ी रकम बतौर एडवांस मिली है.'
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