Amitabh Bachchan: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और कई मुद्दों पर अपने विचार लोगों के सामने शेयर करते हैं. लेकिन उनके फैंस हैरान थे, जब ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन पर उनका कोई रिएक्शन नहीं आया. लेकिन पहलगाम अटैक के 22वें दिन बिग बी ने चुप्पी तोड़ी और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की तारीफ की. वहीं, देर रात अमिताभ बच्चन ने फिर एक्स पर पोस्ट किया है और 1965 के युद्ध को याद किया है.
अमिताभ बच्चन ने लिखी ये बातें
अमिताभ बच्चन ने अपने एक्स अकाउंट पर रविवार देर रात एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें उन्होंने लिखा- 'सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप' इसके बाद उन्होंने पंक्ति का अर्थ बताते हुए लिखा है- 'शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने के लिए बातें नहीं बनाते. यह पंक्ति तुलसीदास जी के रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ही ली गई है- शूरवीर अपनी वीरता को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपने मुंह से अपनी प्रशंसा नहीं करते. कायर लोग ही युद्ध में शत्रु को सामने देखकर अपनी वीरता की डींगें हांका करते हैं.'
1965 के युद्ध को किया याद
अमिताभ ने आगे लिखा- 'हाइलाइट की गई लाइन पूरी है. जिसका मतलब है, युद्ध में वीर बहादुर, वे अपनी वीरता दिखाते हैं और दिखाते हैं. वे अपनी बहादुरी और वीरता का गुणगान नहीं करते. वे कायर हैं कि दुश्मन को देखकर केवल अपनी बहादुरी का नारा लगाते हैं.' एक्टर ने अपने पिता की कविता की लाइनें भी याद की. उन्होंने लिखा- 'बाबूजी के शब्द 1965 के पाकिस्तान के साथ युद्ध के इर्द-गिर्द लिखे गए, हम जीते और विजयी हुए, जिसके लिए उन्हें 1968 में प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला. यानी लगभग 60 साल पहले, 60 साल पहले एक विजन जो आज भी वर्तमान परिस्थितियों में (फिट बैठती) लेती है.'
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