बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी अपनी दमदार आवाज़ और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उनकी निजी जिंदगी में ऐसा दर्द छिपा है, जिसे वह कभी भुला नहीं सकते. उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ बेदी की आत्महत्या और अपने जीवन के सबसे कठिन दौर के बारे में खुलासा किया था.
बेटे की सुसाइड ने बदली कबीर बेदी की ज़िंदगी
कबीर बेदी का बेटा सिद्धार्थ बेदी बेहद होशियार और प्रतिभाशाली था. उसने अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी, लेकिन सिजोफ्रेनिया (मानसिक बीमारी) से जूझ रहा था. यह एक ऐसी बीमारी थी, जिसमें वह खुद को और दुनिया को अलग नज़रिए से देखने लगा था.
कबीर बेदी ने अपने बेटे का इलाज कराने की बहुत कोशिश की, लेकिन सिद्धार्थ धीरे-धीरे इस मानसिक बीमारी के कारण टूटता चला गया. आखिरकार, 33 साल की उम्र में उसने आत्महत्या कर ली.
कबीर बेदी ने इस बारे में बात करते हुए कहा था, "यह मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दर्द था. एक पिता के तौर पर मैं उसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाया."
आर्थिक तंगी और करियर की मुश्किलें
सिर्फ बेटे की मौत ही नहीं, कबीर बेदी को आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स किए, लेकिन बाद में उन्हें भारी कर्ज़ और आर्थिक तंगी ने घेर लिया.
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि फाइनेंशियल डिज़ास्टर के कारण उनका सब कुछ चला गया. कई बार उन्हें अपने करीबियों से मदद मांगनी पड़ी और करियर में भी उतार-चढ़ाव झेलना पड़ा.
अपनी आत्मकथा में किया खुलासा
बेटे की मौत और आर्थिक संकट ने कबीर बेदी को अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया था. लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और धीरे-धीरे खुद को संभाला. उन्होंने अपनी आत्मकथा 'Stories I Must Tell: The Emotional Life of an Actor' में अपने जीवन की इन चुनौतियों के बारे में विस्तार से लिखा है.
उन्होंने कहा था, 'ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ना होता है. मैं आज भी सिद्धार्थ को याद करता हूं, लेकिन मैंने खुद को संभालना सीख लिया है.'
कबीर बेदी की ज़िंदगी से क्या सीख मिलती है?
कबीर बेदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि ज़िंदगी कभी भी आसान नहीं होती. मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर मुद्दा है और हमें अपने करीबियों का ख्याल रखना चाहिए. साथ ही, आर्थिक संकट से बचने के लिए सही फैसले लेना भी बहुत ज़रूरी है.
उनकी यह कहानी एक पिता के दर्द, संघर्ष और हिम्मत की मिसाल है, जिसे जानकर हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं.
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