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loksabha election 2024( Photo Credit : social media)
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग का सबसे बड़ा वोट बैंक रहा है. यादव समाज के बाद कुर्मी समाज सबसे आगे रहा है. 2014 के बाद से कुर्मी समाज का रुझान भाजपा के साथ हो गया है. भाजपा का सहयोगी अपना दल (Apna Dal) का भी मूल आधार कुर्मी समाज रहा है. मगर अपना दल के बढ़ते विस्तार की वजह से पार्टी के नेताओं के बीच होड़ लगी है. सपा की ओर से कुर्मी समाज से जुड़े नेताओं को सामने लाया जा रहा है. इनमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, विधायक लालजी वर्मा, डॉ.आशुतोष वर्मा जैसे कुर्मी नेता हैं. विपक्ष लगातार इन माध्यम से सेंधमारी का प्रयास कर रहा है.
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ऐसे में भाजपा ने अपने कुर्मी नेताओं की समाज में पकड़ मजबूत करने के लिए उन्हें सक्रिय कर दिया है. पार्टी की ओर से कुर्मी नेता सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले इस ओर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं. मंच की ओर से आगामी दिनों में कुर्मी समाज के बुद्धिजीवियों का सम्मलेन होने जा रहा है. इसमें कुर्मी समाज से जुड़े कई जनप्रतिनिधि भाग लेंगे. ये सेवानिवृत्त अधिकारी, चिकित्सक, वकील, शिक्षाविद्, समाजसेवी, पूंजीपति, व्यापारी और उद्यमी हो सकते हैं.
राजनीतिक ताकत बढ़ाने का काम होगा
सम्मेलन की बदौलत समाज के नेताओं की राजनीतिक ताकत बढ़ाने का काम होगा. आने वाले लोकसभा चुनाव में इस समाज की भागीदारी को बढ़ाने को लेकर वोट बैंक को भाजपा की ओर खींचने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर कई मंत्री को भी जिम्मेदारी दी है. ये हैं जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री संजय गंगवार होंगे. वहीं एमएलसी अवनीश सिंह पटेल, विधायक प्रभात वर्मा समेत अन्य नेता इस काम में जुटे हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग का सबसे बड़ा वोट बैंक रहा
- भाजपा का सहयोगी अपना दल का भी मूल आधार कुर्मी समाज रहा
- भाजपा की ओर से कुर्मी समाज से जुड़े कई जनप्रतिनिधि भाग लेंगे