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Same Sex Marriage: दुनिया के इन 33 मुल्कों ने समलैंगिक विवाह को दी मान्यता, जानें कौन से हैं मुस्लिम देश 

Same Sex Marriage: विश्व के 33 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई है. इसमें से कम से कम 10 देशों ने अदालती फैसलों के जरिए समान-सेक्स विवाह को मान्यता दी है.

Updated on: 17 Oct 2023, 01:01 PM

नई दिल्ली:

Same Sex Marriage: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई आरंभ हुई. इसे अदालत ने नामंजूर कर दिया है. समलैंगिक विवाह के मामले पर सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत कानून नहीं बना सकती है, मगर उसकी व्याख्या कर सकती है और उसे प्रभावी बना सकती है. आइए जानतें हैं कि दुनिया के किन देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई है. विश्व के 33 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी गई है. इसमें से कम से कम 10 देशों ने अदालती फैसलों के जरिए समान-सेक्स विवाह को मान्यता दी है. वहीं शेष 22 देशों ने कानून बनाकर ये इजाजत दी है. 

आपको बात दें कि विश्व की दस बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पांच ने समलैंगिक विवाह को इजाजत नहीं दी गई है. दुनिया के 64 देशों को छोड़ इन देशों में समलैंगिक रिश्ते बनाना अब अपराध नहीं रह गया है. इस विवाह को लेकर हर देश में अलग-अलग पैमाने हैं. हालांकि सर्वे बताते हैं कि इस तरह की शादियों को लेकर विश्वभर में दस साल पहले की तुलना में अधिक स्वीकार्यता मिल रही है. 

अदालत ने दी सेम सेक्स मैरिज की इजाजत 

जिन देशों में सेम सेक्स मैरिज को मंजूरी दी गई है. वहां के क्या हालात है, आइए जानने की कोशिश करते हैं किन देशों में इस मैरेज को लेकर क्या है स्थिति. 

संयुक्त राज्य अमेरिका– अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26 जून 2015 को  समलैंगिक विवाह को कानूनी इजाजत दी है. अब पूरे अमेरिका के सभी 50 राज्यों में समलैंगिक जोड़ों को न केवल पूर्ण अधिकार मिल चुका है. विवाह की इजाजत भी है. अमेरिका के 32 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के पहले ही अपने यहां समलैंगिक विवाह को मान्यता दे   दी थी. 

ताइवान– 2019 में ताइवान समलैंगिक विवाह को मान्यता मिली थी.  अदालत के निर्णय के बाद एक कानून पेश किया गया. 17 मई, 2019 को ताइवान की संसद ने समान-लिंग विवाह को वैध बनाने वाला एक बिल को पारित किया. कोर्ट ने देश के विवाह कानूनों को बदलने के लिए विधायिका को करीब दो साल का समय दिया.

कोस्टारिका– कोस्टारिका मध्य अमेरिका का पहला 26 मई, 2020 का पहला देश बन गया. 2018 में देश की शीर्ष कोर्ट के निर्णय के बाद समान-लिंग विवाह को वैध बनाने को “असंवैधानिक” करने का ऐलान किया गया. एक चेतावनी यह जोड़ी कि विधायिका द्वारा रोक को 18 महीनों में रद्द कर दिया जाएगा. इसकी वजह से अदालत के फैसले  को महत्व दिया गया.

दक्षिण अफ़्रीका – दक्षिण अफ़्रीकी संसद ने 30 नवंबर, 2006 को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी है. यहां का नया कानून  धार्मिक संस्थानों और अधिकारियों को इसकी आज़ादी की अनुमति देता है. इसकी बहुत आलोचना भी हुई है.

ऑस्ट्रिया – ऑस्ट्रिया के संवैधानिक न्यायालय ने 2017 में विवाह समानता को सही माना. 1 जनवरी, 2019 से समलैंगिक विवाह की इजाजत दे दी गई.

समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया,  आयरलैंड, स्विट्जरलैंड – 2017 में एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के बाद, ऑस्ट्रेलिया की संसद ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला कानून पारित किया. 

जनमत संग्रह में इसे 62 फीसदी साथ मिला. आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड में भी लोकप्रिय मतदान के जरिए LGBTQ विवाहों को मान्यता दी गई. 

अर्जेंटीना – 15 जुलाई, 2010 को, अर्जेंटीना देशभर में समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश और दुनिया का 10वां देश बन गया. एक राष्ट्रीय कानून पारित होने से पहले ही, कई शहरों और स्थानीय इकाइयों ने समलैंगिक जोड़ों के लिए नागरिक संघों की अनुमति दी थी.

कनाडा – कनाडा में समान-सेक्स जोड़ों को 1999 से विवाह कानूनी लाभ मिलने वाला है. एलजीबीटीक्यू जोड़ों को लेकर सामान्य कानून के तहत विवाह को इजाजत दे दी गई. यहां पर ये राष्ट्रव्यापी लागू हो चुका है. 

जर्मनी– जर्मनी में 30 जून, 2017 को इससे कानून रूप से लागू किया गया. ये 15वां यूरोपीय देश बन चुका है. चांसलर एंजेला मर्केल के कार्यकाल में देश में वोटिंग हुई. इसमें से 393 से 226 वोट उसके  पक्ष में दिए गए. 

मुस्लिम देश जहां से मिली मंजूरी 

मुस्लिम देशों की बात करें तो दस ऐसे देश हैं, जहां पर समलैंगिग विवाह को मंजूरी मिली है. लेबनान, कजा​किस्तान, माली, नाइजर, तुर्की, इंडोनेशिया, उत्तरी बरहीन, अल्बानिया, अजरबैजान, बरहीन जैसे मुस्लिम देशों में इसे कानूनी मान्यता मिल चुकी है.