Mukesh Dalal ( Photo Credit : social media)
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है. 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है. परिणाम 4 जून को आएंगे. मगर इससे पहले ही सूरत सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने निर्विरोध जीत हासिल कर ली है. कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन ऐन मौके पर रद्द हो गया. इसके अलावा अन्य सभी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए हैं. गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए. अब सवाल ये उठता है कि आखिरकार सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ ऐसा क्या हुआ कि मतदान किए बगैर ही भाजपा ने जीत हासिल कर ली. आपको बता दें कि प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगति के कारण रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्या विसंगति के कारण रद्द कर दिया.
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कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी ने वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का भी नामांकन पत्र रद्द कर दिया. इसके बाद अंतिम दिन आठ उम्मीदवारों ने भी अपने नामांकन को वापस ले लिया. इसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्यारेलाल भारती और अधिकतर निर्दलीय हैं.
कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों के नामांकन रद्द
कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुभानी के सूरत लोकसभा सीट से नामांकन रद्द होने के पीछे तीन प्रस्तावकों में से एक को चुनाव अधिकारी के सामने पेश न होना है. कुंभाणी के नामांकन फॉर्म में तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में गड़बड़ी पाई गई. इसे लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद सूरत से कांग्रेस ने वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला को सामने रखा. मगर इनका नामांकन फॉर्म भी रद्द कर दिया गया. इसके बाद कांग्रेस सूरत सीट को लेकर चुनावी मैदान से बाहर हो गई.
रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश में क्या?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी का कहना है कि कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार नीलेश कुंभानी और सुरेश पडसाला की ओर जमा किए गए नामांकन फॉर्म को रद्द इसलिए कर दिए गए क्योंकि पहली नजर में प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां देखी गईं. ये वास्तविक नहीं थे. रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश के अनुसार, कांग्रेस उम्मीदवारों के प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने स्वयं फॉर्म में साइन नहीं किए हैं.
घरवालों ने ही दिया धोखा!
ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि प्रस्तावक ही मुकर जाएं. कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के साथ ऐसा ही हुआ. तीनों प्रस्तावक उनके घरवाले यानी रिश्तेदार थे. मीडया रिपोर्ट के अनुसार, नीलेश कुंभानी के तीन प्रस्तावकों ने अपने हस्ताक्षर फर्जी होने के दावे किए हैं. रिश्तेदारों में उनके बहनोई, दूसरा भतीजा और तीसरा उनका एक बेहद करीबी बिजनेस पार्टनर शामिल था.
Source : News Nation Bureau