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Karnataka Elections : BSP सुप्रीमो मायावती ने बेंगलुरु में की रैली, कांग्रेस पर बोला हमला

Karnataka Elections 2023, BSP chief Mayawati's rally in Bengaluru : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ( BSP chief Mayawati ) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव ( Karnataka Elections 2023 ) में पहली चुनाली रैली को संबोधित किया. बीएसपी...

Updated on: 10 May 2023, 07:06 PM

highlights

  • बेंगलुरु में बीएसपी चीफ मायावती की रैली
  • कांग्रेस पर बोला जोरदार हमला
  • आरक्षण को लेकर कांग्रेस के वादे को बताया खोखला

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बेंगलुरु:

Karnataka Elections 2023, BSP chief Mayawati's rally in Bengaluru : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ( BSP chief Mayawati ) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव ( Karnataka Elections 2023 ) में पहली चुनाली रैली को संबोधित किया. बीएसपी की मुखिया मायावती ने मंच से कहा कि सभी प्रत्याशी आदर्श चुनाव संहिता का पालन करते हुए इमानदारी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ने कर्नाटक में सर्व समाज को ध्यान में रखते हुए टिकट दिया है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के लोग राज्य के विकास को ध्यान में रखकर काम करते हैं. 

आरक्षण को खत्म करने की कोशिश हो रही

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि कर्नाटक में कई दलों की सरकारें बनीं, लेकिन दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, मुस्लिमों व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ गरीबों, मजदूरों, किसानों, व्यापारियों और मेहकतकश लोगों का विकास नहीं हो सका है. कर्नाटक के लोगों को इन पार्टियों को और आजमाने की जरूरत नहीं है. बल्कि बहुजन समाज पार्टी को सत्ता में लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के कड़े संघर्ष और अथक प्रयासों से जो आरक्षण की सुविधा मिली है, लेकिन यहां की सरकारों ने उसे प्रभावहीन बनाने और उसे खत्म करने की पूरी कोशिश में लगी हैं. यही वजह है कि आजादी के इतने समय तक सत्ता में मौजूद रही कांग्रेस व अन्य पार्टियों की सरकारों ने आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया है. पदोन्नति में आरक्षण को कोर्ट की आड़ में खत्म कर दिया गया है. ऐसी ही स्थिति कर्नाटक में भी है. 

कांग्रेस पर आरक्षण को लेकर बोला तीखा हमला

मायावती ने कहा कि अब प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था किये बगैर ही राज्य और केंद्र सरकार की सरकारों में ज्यादातर काम प्राइवेट सेक्टर को दिये जा रहे हैं. जिसकी वजह से आरक्षण का लाभ लोगों को मिल नहीं पा रहा है. इसके साथ ही पिछड़े वर्ग के लोगों को मंडल कमीशन के तहत आरक्षण की व्यवस्था जो दी जानी चाहिए थी, वो कांग्रेस-बीजेपी की सरकारों में नहीं मिली. बल्कि बीएसपी के कड़े संघर्ष एवं अथक प्रयासों के चलते वीपी सिंह की सरकार में मिली. लेकिन विरोधी पार्टियां ये अधिकारी भी उन्हें नहीं दे पा रही हैं. कर्नाटक में कांग्रेस ने कमजोर वर्ग के लोगों से कहा है कि वो आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर देंगे, लेकिन जिस पार्टी ने अपने शासनकाल में मंडल कमीशन को लागू नहीं किया और एससी-एसटी आरक्षण को लागू नहीं किया, वो अब क्या कर देंगे. कांग्रेस ने देश की पहली सरकार में ही वादा खिलाफी की थी, जिसके चलते कानून मंत्री पद से बाबा साहेब ने इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के इस वादे में कोई दम नहीं है. इसका लोगों को कोई फायदा नहीं होने वाला है. इस लिए कांग्रेस के झूठे वादों में न आएं. 

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कांग्रेस ने बाबा साहेब को भारत रत्न देने का किया विरोध

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को कांग्रेस ने तो भारत रत्न ( Bharat Ratna ) देने में अड़चने लगाई. लेकिन वीपी सिंह ने अपनी सरकार में बहुजन समाज पार्टी को शामिल करने की बात कही थी. लेकिन मैंने दो ही मांगे की. जिसमें मंडल कमीशन को लागू करने करने की मांग के साथ बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न देने की मांग थी. जिसे वीपी सिंह ने मान लिया. उन्होंने मंडल कमीशन को लागू करने के साथ ही बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया.