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Gujarat Election: 2002 Riots पर बोले अमित शाह- ऐसा सबक सिखाया कि अब वो...

Gujarat Election : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता एक के बाद एक कई रैलियां कर रहे हैं. हर पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

Updated on: 25 Nov 2022, 07:27 PM

अहमदाबाद:

Gujarat Election : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता एक के बाद एक कई रैलियां कर रहे हैं. हर पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नडियाद में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 2002 के दंगों पर बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा कि ये कांग्रेस वाले थे तब कितनी बार साम्प्रदायिक दंगे होते थे कि नहीं होते थे? जोर से बताओ होते थे कि नहीं होते थे? 

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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2002 में एक बार नरेंद्र मोदी के वक्त प्रयास किया गया था, ऐसा सबक सिखाया कि 2002 के बाद 2022 तक कोई सिर ऊंचा नहीं किया. भाई दंगे कराने वाले गुजरात से बाहर चले गए. भाजपा ने गुजरात शांति स्थापित की. भाजपा ने बिना कर्फ्यू वाला प्रदेश बनाने का काम किया है.

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उन्होंने आगे कहा कि 2002 में कांग्रेस के लोगों ने आदत डाली थी, इसलिए दंगे हुए थे पर 2002 में ऐसा सबक सिखाया कि अब वो ऐसा करना भूल गए. गुजरात के अंदर साम्प्रदायिक दंगे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके गुजरात की भाजपा सरकार ने राज्य में अखंड शांति की स्थापना की है. आपको ये भी बताते चले कि गुजरात में स्थित गोधरा शहर में 27 फरवरी 2002 को ट्रेन में आग लगा दी गई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे. इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे. 

अमित शाह ने कहा कि पहले कहि पे इज्जु शेख कहि पे पीरजादा कहि पे लतीफ हो... कच्छ में भी कितने दादा थे, कितने सारे नाम बाजार में घूमते थे आज एक भी दादा है? दादा है तो गुजरात में एक ही दादा है, हर गांव में हनुमान दादा है, बाकी कोई नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने गुजरात में विकास होने ही नहीं दिया और पूरे राज्य को साम्प्रदायिक दंगों के अंदर नोंचने का काम किया है.

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उन्होंने कहा कि दोस्तो में भरूच जिले में हु इस भरुच की भूमि ने काफी दंगे देखे हैं, आए दिन स्टेबिंग, कर्फ्यू... गुजरात के अंदर मसला शांत होने ही नहीं दिया तो विकास कैसे होता. मुझे एक बात बताइये 2002 में इन्होंने ऐसा प्रयास किया था, उस बार ऐसा सबक सिखाया, चुन-चुन के सबको जेल में डाला तो 22 साल हो गए भाई एक भी बार कर्फ्यू नहीं लगाना पड़ा. इस गुजरात को सांप्रदायिक दंगों की आग में से विकास के रास्ते पर ले जाने का काम भाजपा ने किया है.