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किसके सिर सजेगा असम सीएम का ताज? सोनोवाल और सरमा दिल्ली तलब

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने असम में अगली सरकार के नेतृत्व को लेकर चर्चा करने के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा को दिल्ली बुलाया है.

Updated on: 08 May 2021, 08:02 AM

highlights

  • बीजेपी हाईकमान के लिए असमंजस की स्थित
  • सोनोवाल औऱ सरमा आज दिल्ली तलब
  • आला नेताओं संग होगी दोनों की बैठक

नई दिल्ली/गुवाहटी:

जनीतिक फिजाओं में अब यह प्रश्न तैर रहा है कि असम के सीएम का ताज किसके सिर सजेगा? निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ही असम के अगले मुख्यमंत्री होंगे या बीजेपी उनकी जगह किसी नये चेहरे को प्राथमिकता देगी? बीजेपी आलाकमान असमंजस में है कि मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को बरकरार रखा जाया या फिर पार्टी में तेजी से उभरे हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को नया मुख्यमंत्री बनाया जाए? इसी बीच बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने असम में अगली सरकार के नेतृत्व को लेकर चर्चा करने के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा को दिल्ली बुलाया है.

आज दिल्ली में सीएम पद को लेकर मंथन
दरअसल असम में बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी पसोपेश में फंस गयी है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बरकरार रखा जाया या फिर पार्टी में तेजी से उभरे हिमंत बिस्वा सरमा को नया मुख्यमंत्री बनाया जाए? या फिर पार्टी को गुटबाजी से बचाने के लिए किसी नये चेहरे को कुर्सी सौंप दी जाए? इन सवालों के जवाब आसान नहीं हैं. असम बीजेपी के प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने पीटीआई से कहा कि 'सोनोवाल और सरमा अगली सरकार के गठन पर चर्चा के लिए शनिवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगे.' असम में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जीत मिली है. सूत्रों के मुताबिक सोनोवाल और सरमा की बैठक शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के महासचिव बी एल संतोष और अन्य नेताओं के साथ होने वाली है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे या नहीं.

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कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए थे हिमंत
2016 के विधानसभा चुनाव के ऐन पहले बिस्वा सरमा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का कमल थामा था. उस वक्त भी उन्हें मुख्यमंत्री पद के सशक्त दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन 2016 में जीत का परचम फहराने के बाद पार्टी ने सोनोवाल के नाम पर मुख्यमंत्री के लिए मुहर लगाई थी. तब से 5 साल में स्थितियां काफी बदली हैं. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया था कि नतीजे आने के बाद जीत की स्थिति में नया मुख्यमंत्री कौन होगा. इसका फ़ैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा. हालांकि मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी में अभी तक एक राय नहीं है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के लिए मुख्यमंत्री के लिए किसी के नाम पर मुहर लगाना आसान नहीं होगा.

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सर्बानंद सोनोवाल और हेमंत बिस्व शर्मा ने नहीं खोले पत्ते
बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान सोनोवाल को सीएम उम्मीदवार नहीं बनाया गया था. हालांकि भाजपा नेताओं ने कहा था कि पार्टी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी. इस बीच सीएम पद को लेकर सर्बानंद सोनोवाल और हेमंत बिस्व शर्मा दोनों ने ही अपने पत्ते नहीं खोले हैं.