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अब कमला हैरिस ने कहा- हम आपके साथ, भारत की मदद को अमेरिका तत्पर

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

Updated on: 08 May 2021, 06:42 AM

highlights

  • अब अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला ने दिया मदद का भरोसा
  • बीते साल भारत की मदद को याद कर दिया भावुक संदेश
  • एशियाई क्वाड सदस्य देशों से भी की आगे आने की अपील

वॉशिंगटन:

मोदी सरकार (Modi Government) की वैक्सीन डिप्लोमेसी कहें या फिर भारत समर्थक अमेरिकी सिनेटर्स का दबाव जो बाइडन प्रशासन भारत की मदद के लिए जोर-शोर से काम कर रहा है. अब अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. हैरिस ने कहा है कि भारत ने महामारी की शुरुआत में हमारी मदद की थी, अब हम भारत की सहायता के लिए दृढ़ता के साथ खड़े हैं. कमला हैरिस ने कहा कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमणों और मौतों का उछाल दिल दहला देने वाली घटनाओं से कम नहीं है. आपमें से जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, मैं अपनी गहरी संवेदनाएं भेजती हूं. जैसे ही स्थिति की सख्त प्रकृति सामने आई, हमारे प्रशासन ने कार्रवाई की.

हर लिहाज से तैयार है अमेरिका मदद के लिए
कमला हैरिस ने कहा कि 26 अप्रैल को राष्ट्रपति जो बाइडन ने समर्थन की पेशकश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. 30 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य सदस्य और नागरिक जमीन पर राहत दे रहे थे. अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा पहले से ही, हमने रिफिल करने योग्य ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स, एन-95 मास्क दिए हैं हैं और अब हम इसे और अधिक मात्रा में भेजने के लिए तैयार हैं. हमने कोविड रोगियों के इलाज के लिए रेमेडिसविर की खुराक भेजी हैं.

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भारत के पूर्ण समर्थन की घोषणा
कमला हैरिस ने कहा कि भारत और अन्य देशों को अपने लोगों को और अधिक तेज़ी से टीकाकरण करने में मदद करने के लिए, हमने कोविड-19 टीकों पर पेटेंट को निलंबित करने के लिए हमारे पूर्ण समर्थन की घोषणा की है. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया में सबसे अधिक कोविड ​-19 के मामले हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि महामारी की शुरुआत में, जब हमारे अस्पताल में बेड बढ़ाने की आवश्यकता थी, तब भारत ने सहायता भेजी थी. आज, हम भारत को उसकी ज़रूरत के समय में मदद करने के लिए दृढ़ हैं. हम ये भारत के दोस्तों के रूप में, एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में और वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में कर रहे हैं.