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मतगणना के दौरान ईवीएम से खेला रोकने के लिए सपा, बसपा और रालोद ने उठाया ये अनोखा कदम

हर चुनाव में विवादों में रहने वाले EVM पर एक बार फिर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर टिकी हुई है. ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए सपा, बसपा और रालोद ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से स्ट्रांग रूम में निगरानी रखने को कहा है.

Updated on: 07 Mar 2022, 04:20 PM

highlights

  • मतगणना के दौरान ईवीएम से गड़बड़ी रोकने में जुटे सपा, बसपा और रालोद
  • स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर ईवीएम की निगरानी के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमाया डेरा
  • मतगणना सेंटर पर 1000  रालोद कार्यकर्ता रखेंगे हर हरकत पर नजर 

लखनऊ:

हर चुनाव में विवादों में रहने वाले EVM पर एक बार फिर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर टिकी हुई है. ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से स्ट्रांग रूम में निगरानी रखने को कहा है, जहां ईवीएम रखी गई हैं. कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि खास तौर पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि 10 मार्च को मतगणना के दौरान कोई छेड़छाड़ न हो.

इस संबंध में समाजवादी पार्टी के सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखा है और सभी उम्मीदवारों को भी इसकी कॉपी भेजकर कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके प्रतिनिधि सभी मतगणना टेबल पर मौजूद रहें, ताकि किसी भी प्रकार का संभावित गड़बड़ी नहीं हो पाए. उन्होंने आगे लिखा है कि मतगणना के दौरान डाक मत पत्रों पर नजर रखी जानी चाहिए.

वहीं, बसपा ने मतगणना से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की निगरानी के लिए एक प्रणाली भी स्थापित की है. बसपा ने दावा किया है कि वे प्रतिद्वंद्वियों पर भरोसा नहीं करते, क्योंकि वे उनके साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों और सेक्टर प्रभारियों से कहा गया है कि वे स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी रखें, जहां ईवीएम रखी गई हैं. उन्हें अपने क्षेत्रों से एक निश्चित अंतराल पर पार्टी कार्यालय में फूटेज भेजने की आवश्यकता होगी.

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इसके साथ ही रालोद नेताओं ने सभी उम्मीदवारों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से कम से कम 1,000 समर्थकों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है, जो मतगणना के दिन मतगणना केंद्रों के आसपास रहेंगे, ताकि मतगणना के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा सके. गौरतलब है कि मेरठ में जिला प्रशासन ने 10 मार्च को मतगणना शुरू होने तक एक उम्मीदवार के तीन प्रतिनिधियों को मतगणना केंद्रों पर रहने की अनुमति दी है. मेरठ में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि गठबंधन के प्रत्येक उम्मीदवार के तीन प्रतिनिधि मेरठ के दो मतगणना केंद्रों पर दिन-रात रुके हुए हैं, ताकि संग्रहीत ईवीएम पर नजर रखी जा सके. गौरतलब है कि निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित करने और 'अनियमितताओं' की किसी भी संभावना को विफल करने के लिए पश्चिमी यूपी में 10 मार्च को सपा-रालोद गठबंधन के हजारों समर्थक मतगणना केंद्रों के आसपास मौजूद रहेंगे. 

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सिंह ने आगे कहा कि हम वोटों की गिनती को लेकर जोखिम नहीं उठा सकते हैं. खासकर यह देखने के बाद की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए पंचायत के निर्वाचित सदस्यों पर दबाव डाला और अधिकारियों ने भी उनकी मदद की. रालोद के राष्ट्रीय सचिव कुलदेरे उज्ज्वल ने कहा कि मतगणना के दौरान गठबंधन के कम से कम 10,000 समर्थक मौजूद रहेंगे. उज्ज्वल ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में, वे अधिकारियों पर विश्वास नहीं कर सकते. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि इन समर्थकों की ताकत से निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. 

इस बीच बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने भी धांधली को लेकर आशंका जताई है. उन्होंने किसानों से मतगणना के दिन मतगणना केंद्रों पर कड़ी नजर रखने का भी आह्वान किया है. टिकैत ने किसानों को 9 मार्च की शाम तक अपने ट्रैक्टरों में मतगणना केंद्रों पर पहुंचने और परिणाम घोषित होने तक वहीं रहने को कहा है.