महापौर से मंत्री बनने तक का सफर, ये है कैलाश विजयवर्गीय की सियासी करियर
साल 1975 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. इसके बाद वो अपना राजनितिक कैरियर शुरू कर वे इंदौर नगर के महापौर बने.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारने की घोषणा करके भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा दांव खेला है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें इंदौर-1 से टिकट दिया है. कैलाश विजयवर्गीय का जन्म 13 मई 1956 को इंदौर में हुआ था. वो एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. बचपन से ही जनसेवा की भावना ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित की. विजयवर्गीय बालकाल्य से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं. साल 1975 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े. इसके बाद वो अपना राजनितिक कैरियर शुरू कर वे इंदौर नगर के महापौर बने. 2023 में विधानसभा से टिकट मिलने के बाद विजयवर्गीय लगातार जीत का दावा कर रहे हैं. विजयवर्गीय छह बार विधायक भी चुने गए हैं. विजयवर्गीय 2015 के बाद प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए हैं. पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था. इस दौरान वो हरियाणा विधानसभा चुनाव अभियान के प्रभारी भी थे.
बिना कोई चुनाव हारे वे लगातार 6 बार विधानसभा के सदस्य चुने गए. कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी में एक ऐसा नाम है जो 12 साल तक मंत्री रहे. 2003 में सबसे पहले उमा भारती, फिर बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में वो कैबिनेट मंत्री बनाए गए. इसके बाद पार्टी ने केंद्रीय नेतृत्व में भेज दिया था. वो अलग-अलग राज्यों में चुनाव के प्रभारी भी रहे हैं.
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संयुक्त राष्ट्र से सम्मानित हैं कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय साल 1990 में इंदौर की चार नंबर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे और जीत हासिल की. इसके बाद 1993, 1998 और 2003 में इंदौर विधानसभा की दो नंबर सीट से विधायक रहे. पार्टी ने उन्हें 2008 और 2013 में महू विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वो बड़े मार्जिन से इस सीट से चुनाव जीते. हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय ने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. इसके बाद उनके बेटे आकाश को इंदौर-3 सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया. आकाश ने कड़ी मेहनत कर इस सीट को निकाला. संयुक्त राष्ट्र ने कैलाश विजयवर्गीय को सम्मानित भी किया है. कैलाश विजयवर्गीय के प्रयासों के कारण ही वर्ष 2007 में मध्य प्रदेश को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीन सम्मानजनक अवार्ड मिले. विजयवर्गीय भवन उद्योग नेतृत्व अवार्ड भी प्राप्त कर चुके हैं.
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