logo-image

Tamil Nadu Election: ओ. पन्नीरसेलवम कौन हैं, 3 बार कैसे बन चुके हैं CM

पन्नीरसेल्वम जयललिता के विश्वासपात्र लोगों में से एक माने जाते थे. इसीलिए जयललिता के निधन के बाद उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन बाद में पलानीस्वानी के साथ वर्चस्व की जंग में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

Updated on: 06 Mar 2021, 02:46 PM

highlights

  • जयललिता के जेल जाने पर मुख्यमंत्री बने थे
  • जयललिता के जेल से बाहर आते ही CM पद से इस्तीफा दे दिया था
  • जयललिता के निधन के बाद फिर मुख्यमंत्री बने थे

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में विधानसाभा चुनाव (Tamil Nadu Assembly Election 2021)  का बिगुल बज चुका है. AIDMK की ओर से अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी गई है. पार्टी ने उन्हें बोडिनयाकानुर सीट से टिकट दिया है. पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) हैं और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझागम (AIDMK) के समन्वयक हैं. पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) तमिलनाडु के तीन बार मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं. हालांकि कभी भी उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ. पन्नीरसेलवम का जन्म 14 जनवरी 1951 को पेरियाकुलम के तेनी में एक किसान परिवार में हुआ था. वे जयललिता (Jayalalitha) के विश्वासपात्र लोगों में से एक माने जाते थे. इसीलिए जयललिता के निधन के बाद उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन बाद में पलानीस्वानी के साथ वर्चस्व की जंग में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी, उसके बाद वे उप मुख्यमंत्री बने. 

राजनीतिक सफर

पन्नीरसेल्वम ने साल 1969 में 18 वर्ष की आयु में तत्कालीन संयुक्त डीएमके के कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. 2006 में वे विपक्ष के नेता बनें. साल 2014 में जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दूसरी बार दोषी ठहराए जाने के बाद फिर से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. 2015 में जयललिता को रिहा होने के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बन गए थे. साल 2016 में पन्निरसेल्वम को बोधिनयाक्कनुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित किया गया था. बाद में जयललिता के निधन के बाद उन्हें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया. 21 अगस्त 2017 में उन्होंने और एडीएमके को पकड़ने वाली टीम के बाद, वह तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री बने. वे 3 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. 

यह भी पढ़ें- Tamil Nadu Election: कौन हैं केएस अलागिरि, कांग्रेस ने क्यों सौंपी थी इतनी बड़ी जिम्मेदारी

'धर्मयुथम' अभियान चलाया था

पन्नीरसेलवम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में कभी हार का सामना नहीं किया. शशिकला के खिलाफ उन्होने 'धर्मयुथम' अभियान चलाया. तमिलनाडु लोगों के बीच सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीके से अपनी बात रखी. जयललिता उन पर इतना ज्यादा विश्वास करती थीं कि जब साल 2014 में आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में जयललिता जेल गईं, तो उन्होंने पन्नीरसेलवम को ही मुख्यमंत्री बनाया गया था. 

यह भी पढ़ें- Tamil Nadu Election: दूसरी बार CM बन पाएंगे पलानीस्वामी? अब तक ऐसा रहा सफर

इस दौरान पन्नीरसेल्वम ने निष्ठाप्रदर्शन के तहत जयललिता की कुर्सी पर भी नहीं बैठे. जयललिता के जेल से बाहर आते ही बिना देरी किए पनीरसेल्वम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. सियासत में ऐसे कई मौके आए जब सेल्वम ने जयललिता का विश्वासपात्र होने का सबूत पेश किया. इतना ही नहीं जब जयललिता बीमार हो गईं थीं तो गवर्नर विद्यासागर राव ने अहम फैसला लेते हुए जयललिता के सारे विभागों को उन्हें सौंप दिया था.