Rajasthan Election 2023: CM गहलोत को लेकर क्यों खफा है पार्टी? प्रचार की रणनीति को लेकर नाराज कई नेता

Rajasthan Assembly Election 2023: कई नेताओं की शिकायत है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तक को प्रचार में जगह नहीं दी गई है. 

Rajasthan Assembly Election 2023: कई नेताओं की शिकायत है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तक को प्रचार में जगह नहीं दी गई है. 

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Mohit Saxena
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cm ashok gehlot( Photo Credit : social media)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव करीब है, लेकिन पार्टी के अंदर असहमति का दौर जारी है. पार्टी को जीत दिलाने के लिए चुनावी रणनीति को लेकर कांग्रेस के कई नेता खफा बताए जा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं में नाराजगी की वजह अन्य नेताओं को दरकिनार कर सिर्फ सीएम अशोक गहलोत को ही प्रचार में अहमियत दिया जाना है. इन नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तक को प्रचार में जगह नहीं दी गई है. 

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इसलिए नाराज हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता?

नाराज नेताओं के अनुसार, अब तक केवल अशोक गहलोत की तस्वीरें ही होर्डिंग्स और पोस्टर में दिखाई दे रही हैं. मीडिया में सिर्फ सीएम के फेस को ही दिखाया जा रहा है. किसी भी प्रचार सामग्री में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, खरगे, राहुल व प्रियंका गांधी की तस्वीर काे उपयोग नहीं किया गया है. नाराज नेताओं के अनुसार, प्रदेशभर में सड़कों पर लगाए गए होर्डिंग्स ,पोस्टर्स समेत अन्य संसाधनों में सिर्फ यह दिखाने की कोशिश हो रही है ​कि गहलोत ही इस चुनाव में सबसे अहम हैं. जबकि राहुल और प्रियंका ने नाराज नेताओं में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत अन्य नेताओं से सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का निर्देश दिया है. चुनाव के बाद ही सीएम चेहरे को लेकर निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था. 

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चुनाव अभियान देखने वाली एजेंसी पर सवाल

कांग्रेस नेताओं ने चुनाव अभियान की जिम्मेदारी संभाल रही निजी एजेंसी 'डिजाइन बक्स' की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का आरोप है कि एजेंसी जिस तरह से काम कर रही है वह सही नहीं है. उनका कहना है कि भले ही प्रदेश सरकार बेहतर काम कर रही हो, मगर राष्ट्रीय नेताओं  के चेहरे को आगे न बढ़ाना सही नहीं है. पार्टी संगठन के नेताओं के साथ नीतियों का प्रचार जरूर होना चाहिए. 

कर्नाटक के रणनीतिकारों पर मंथन 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था. चुनाव अभियान की रणनीति तैयार करने वालों में पूर्व आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल और सुनील कानुगोलू काे लेकर मंथन तेज हो चुका है. सेंथल को राजस्थान विधानसभा चुनाव में वार रूम का प्रभारी नियु​क्त किया गया है. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत दिला चुके प्रशांत किशोर को राजस्थान में शामिल किया जा सकता है. इस समय राजस्थान चुनाव का जिम्मा उठा रहे 'डिजाइन बाक्स' के नरेश अरोड़ा ने कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार के लिए प्रचार की बागडोर संभाली थी. 

क्या है मांग 

राजस्थान में चुनावी प्रचार को लेकर नाराज नेताओं की मांग है कि कुछ प्रमुख क्षेत्रों में खास स्थानीय नेताओं का प्रचार होना जरूरी है. इससे पार्टी को बल मिलेगा. इसके साथ भाजपा का मुकाबला करने के लिए महिला नेताओं को भी सामने लाना चाहिए. नेताओं का कहना है कि केवल सीएम का प्रचार करने से एंटी इंकंबेंसी का खतरा बढ़ सकता है. 

Source : News Nation Bureau

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