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जॉय नगर में PM मोदी का TMC पर वार, कहा- BJP 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी

पीएम मोदी ने कहा कि पहले चरण में बंगाल में हुए शांतिपूर्ण और रिकॉर्ड मतदान में लोगों ने भाजपा को भारी समर्थन दिया है. कुछ हफ्ते पहले तक बंगाल के लोग कह रहे थे कि भाजपा इस बार 200 सीटें पार कर जाएगी.

Updated on: 01 Apr 2021, 04:14 PM

highlights

  • जॉयनगर में पीएम मोदी का ममता पर हमला
  • दीदी की कटमनी से परेशान है पूरा बंगालः पीएम
  • दीदी को जय श्रीराम से क्या दिक्कत हैः पीएम मोदी

कोलकाता:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग के चुनाव प्रचार के लिए जॉय नगर में चुनावी रैली की. इस दौरान पीएम मोदी ने टीएमसी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि पहले चरण में बंगाल में हुए शांतिपूर्ण और रिकॉर्ड मतदान में लोगों ने भाजपा को भारी समर्थन दिया है. कुछ हफ्ते पहले तक बंगाल के लोग कह रहे थे कि भाजपा इस बार 200 सीटें पार कर जाएगी. लेकिन पहले चरण जिस तरह की दमदार शुरुआत भाजपा ने की है, उससे ये साफ है कि जनता की आवाज को ईश्वर का भी आशीर्वाद मिल गया है. बंगाल में भाजपा की जीत का आंकड़ा 200 के भी पार जाएगा.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, आज दूसरे चरण में भी लोग भारी संख्या में पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे हैं. हर तरफ भाजपा ही भाजपा है भाजपा की लहर है. मैं बंगाल की बेटी शोवा मजूमदार जी को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं. शोवा जी, बंगाल की उन अनगिनत माताओं, उन अनगिनत बहनों का चेहरा थीं जिन पर तृणमूल के लोगों ने अत्याचार किया. शोवा जी का वो चेहरा मेरी आंखों से उतरता नहीं है. धमकी और गालियां देने वाली दीदी कह रही हैं- Cool Cool! दीदी, तृणमूल, कूल नहीं, बंगाल के लोगों के लिए शूल है.  बंगाल को असहनीय पीड़ा देने वाला शूल है तृणमूल. बंगाल को रक्तरंजित करने वाला शूल है तृणमूल. बंगाल के साथ अन्याय करने वाला शूल है तृणमूल. बीते कुछ समय में दीदी के फैसले बंगाल की राजनीति का ओपिनियन पोल भी बन गया है और एग्जिट पोल भी बन गया है. दीदी का हर एक्शन देख लीजिए, सब स्पष्ट नजर आता है.

दीदी के हर एक्शन में सबकुछ स्पष्ट नजर आने लगा है
दीदी का हर एक्शन देख लीजिए, सबकुछ स्पष्ट नज़र आता है. शुरुआती रुख पता चला तो तो दीदी भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम पहुंच गईं. नंदीग्राम जाकर लगा उन्हें लगा कि यहां आकर गलती कर दी है. गुस्से में वो नंदीग्राम के लोगों के अपमान पर उतर आईं. पहले चरण की वोटिंग होने के बाद उनकी बौखलाहट और बढ़ गई है. कल ही दीदी ने देश के कई नेताओं को संदेश भेजकर मदद की अपील की है. जो लोग दीदी की नजर में बाहरी हैं, टूरिस्ट हैं, जिन्हें वो कभी मिलने तक का समय नहीं देती थीं, अब उनसे समर्थन मांग रही हैं.

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दीदी को जय श्रीराम से दिक्कत है
ममता दीदी को जय श्रीराम के आह्वान से दिक्कत है, ये पूरा बंगाल पहले से जानता है. ममता दीदी को दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत रही है, ये भी पूरा बंगाल पहले से जानता है. लेकिन अब दीदी को तिलक से दिक्कत है. अब दीदी को भगवावस्त्र से दिक्कत है. और तो और अब दीदी के लोग चोटी रखने वालों को राक्षस कहने लगे हैं. ममता दीदी जिस तरह यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ दुश्मनी की भाषा बोल रही हैं, वो उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल पैदा कर रहा है.  दीदी, आप ये भूल रही हैं कि आपने सीएम के नाते संविधान की शपथ ली हुई है. भारत का संविधान, इसकी इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे राज्यों का इस तरह अपमान करें.

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मेरे मंदिरों में दर्शन पर दीदी को घोर आपत्ति है
मैं हैरान हूं कि दीदी को क्या हो गया है. कुछ दिनों पहले मैं बांग्लादेश गया था. वहां मैंने 51 शक्तिपीठों में से एक जशोरेश्वरी काली माता मंदिर के दर्शन किए, पूजा अर्चना की. लेकिन दीदी को इस पर घोर आपत्ति है. मैंने ओराकान्दी में हॉरीचॉन्द ठाकुर, गुरुचॉन्द ठाकुर जी की पुण्य भूमि में जाकर पूरे देश के लिए आशीर्वाद मांगा. ये देखकर भी दीदी का गुस्सा 7वें आसमान पर पहुंच गया. आप बताइए साथियों, मां काली के मंदिर में जाना गलत है क्या? हॉरीचॉन्द ठाकुर जी को प्रणाम करना गलत है क्या? दीदी, ओ दीदी आप हमको जानती नहीं हो. हम सीजनल श्रद्धा वाले लोग नहीं हैं. हम अपनी आस्था और श्रद्धा पर हमेशा गर्व करने वाले लोग हैं.

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दीदी की कटमनी से परेशान है पूरा बंगाल
दीदी की समस्या क्या है, वो ये पूरा क्षेत्र जानता है, ये सुंदरबन का इलाका जानता है. घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं. यहां उन्नयन के नाम पर उन्होंने 10 साल में क्या किया, इसका ठोस जवाब दीदी के पास है नहीं. तृणमूल की टोलाबाजी ने गरीब, मध्यमवर्ग, उद्यमी, सभी का जीना दुश्वार किया है. घर बनता है, तो उसमें कटमनी. बच्चों के एडमिशन, जॉब की एप्लीकेशन में कटमनी. होमलोन, एजुकेशन लोन, अस्पताल में एडमिशन, हर जगह कटमनी. गरीबों, पिछड़ों को इस स्थिति ने सबसे ज्यादा परेशान किया है.