logo-image

Kerala Election: कौन हैं मेट्रोमैन ई. श्रीधरन, जो बन सकते हैं सीएम

88 साल के श्रीधरन (E Sreedharan) भारत के मशहूर सिविल इंजीनियर हैं. वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे. भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

Updated on: 21 Mar 2021, 04:52 PM

highlights

  • बीजेपी ने पलक्कड़ सीट से दिया टिकट
  • ई. श्रीधरन ने हाल ही में ज्वाइन की है बीजेपी
  • मेट्रोमैन के नाम से मशहूर हैं ई. श्रीधरन

नई दिल्ली:

केरल (Kerala) में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. केरल में अपनी जगह बनाने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य की 115 सीटों पर ताल ठोंक रही है. इस चुनाव में बीजेपी ने मेट्रोमैन (Metro Man) के नाम से मशहूर ई श्रीधरन (E Sreedharan) को भी टिकट दिया है. पार्टी ने उन्हें पलक्कड़ सीट से टिकट दिया है. मेट्रोमैन (Metro Man E Sreedharan) के चुनावी अखाड़े में कूदने से इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया. अभी तक राज्य में सिर्फ लेफ्ट और कांग्रेस की लड़ाई होती थी, लेकिन इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है. बता दें कि केरल में 6 अप्रैल को एक चरण में 140 सीटों पर वोट पड़ेंगे, जबकि 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.

जाने कौन ई. श्रीधरन

88 साल के श्रीधरन (E Sreedharan) भारत के मशहूर सिविल इंजीनियर हैं. वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे. भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. उन्हें देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सूरत बदलने के लिए जाना जाता है. ईमानदार छवि की वजह से वह काफी लोकप्रिय हैं. श्रीधरन प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक माने जाते हैं. 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले 2 बार उन्होंने नरेंद्र मोदी को अच्छा नेता बताया था. मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का समर्थन करने वालों में भी उनका नाम शामिल था.

ये भी पढ़ें- Kerala Election: 73 साल के CPI नेता ई. चंद्रशेखरन के राजनीतिक सफर पर एक नजर

मेट्रोमैन नाम क्यों पड़ा

मेट्रो के लिए श्रीधरन की सेवाओं को कभी नहीं भुलाया जा सकता. उन्होंने बहुत कम समय के में दिल्ली मेट्रो के निर्माण काम को बेहद कुशलता और श्रेष्ठता के साथ पूरा कर दिखाया है. जो किसी सपने से कम नहीं था. भारत की पहली मेट्रो सेवा कोलकाता मेट्रो की योजना भी उन्हीं की देन है. मेट्रो के लिए उनकी सर्विसेज को देखते हुए श्रीधरन को मेट्रो मैन के नाम से जाना जाता है. 

ये भी पढ़ें- Kerala Election: कौन हैं पीसी चाको, जिन्होंने कांग्रेस में मचा दी खलबली

समय के पाबंद हैं मेट्रोमैन

कहा जाता है कि मेट्रो मैन समय के बहुत पाबंद इंसान हैं. इसकी मिसाल कई बार उनके मिले प्रोजेक्ट्स में देखने को मिलती है. एक जानकारी के मुताबिक निश्चित योजना के तहत निर्धारित समय सीमा के अंदर काम को मुकम्मल करते हैं. समय के बिलकुल पाबंद श्रीधरन की इसी कार्यशैली ने भारत में सार्वजनिक परिवहन को चेहरा ही बदल दिया.