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Karnataka Election Results: मोदी फेस के बावजूद कर्नाटक में क्यों हारी बीजेपी? ये हैं बड़े 4 कारण

Karnataka Election Results: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने बीजेपी के पटखनी देते हुए 224 सीटों में से 136 वोट हासिल की हैं. जबकि भगवाधारी पार्टी को केवल 65 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है

Updated on: 14 May 2023, 07:05 PM

highlights

  • चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है
  • कांग्रेस ने बीजेपी के पटखनी देते हुए 224 सीटों में से 136 वोट हासिल की हैं
  • भगवाधारी पार्टी को केवल 65 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है

New Delhi:

Karnataka Election Results:  कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने बीजेपी के पटखनी देते हुए 224 सीटों में से 135 वोट हासिल की हैं. जबकि भगवाधारी पार्टी को केवल 66 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है. विधानसभा चुनाव के परिणाम काफा चौंकाने वाले हैं. खासकर बीजेपी के लिए यह बिल्कुल हैरान करने वाला नतीजा है. क्योंकि चुनाव में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे बड़े नेताओं ने प्रचार की कमान संभाली हुई थी, बावजूद पार्टी की करारी हार ने आलाकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में कुछ कारण ऐसे माने जा रहे हैं, जो कर्नाटक में बीजेपी की हार के लिए सीधे जिम्मेदार माने जा रहे हैं. 

1- आंतरिक कलह 
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की हार के बड़े कारणों में से एक आंतरिक कलह रही. चुनाव के समय ही नहीं, बल्कि कर्नाटक बीजेपी में काफी पहले से आंतरिक कलह की खबरें रह-रह कर सतह पर आ रहीं थी. कर्नाटक बीजेपी कई धड़ों में बंट गई थी, जिसमें से एक धड़ा सीएम पद से हटाए गए बीएस येदियुरप्पा का था तो दूसरा येदियुरप्पा की जगह मुख्यमंत्री बनाए गए बसवराज बोम्मई का. जबकि तीसरा धड़ा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और दिग्गज नेता बीएल संतोष का था. इसके साथ ही बीजेपी नेता सीटी रवि समेत कई अलग-अलग धड़े बने हुए थे, जिसकी वजह से राज्य में बीजेपी के कार्यकर्ता बिखरे हुए थे. 

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2- टिकट बंटवारे ने भी किया नुकसान-
एक तरफ जहां कर्नाटक में बीजेपी भी आंतरिक कलह से दो-चार हो रही थी. ऐसे में टिकट बंटवारे ने भी खेल बिगाड़ने में कोई कमी नहीं रखी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का टिकट काटना बीजेपी को भारी पड़ गया. टिकट कटने पर नेताओं ने बगावत शुरू कर दी और उन्होंने चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया. राज्य में करीब 15 सीटों पर बीजेपी बागी नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार के सामने चुनाव लड़ा और काफी नुकसान पहुंचाया. ऐसे नेताओं में जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी आदि शामिल रहे. 

3- भ्रष्टाचार के आरोप रहे हावी-

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा. क्योंकि चुनाव से ऐन पहले ही बीजेपी के एक विधायक के बेटे को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था. ऐसे में बीजेपी को चुनाव के दौरान काफी फजीहत झेलनी पड़ी. इससे पहले एक कॉंट्रेक्टर ने बीजेपी सरकार पर कमिशनखोरी का आरोप लगाते हुए फांसी लगा ली थी. कांग्रेस ने इस मुद्दे को चुनाव में पूरे जोरों शोरो से उठाया. माना जा रहा है इस मुद्दे ने बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचाया.

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4- आरक्षण का मुद्दा भी पड़ा भारी-

कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मुस्लिमों का 4 प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर उसको लिंगायत और दूसरे वर्गों में बांट दिया. बीजेपी का मानना था कि मुस्लिम उसको वोट करता नहीं. ऐसे में जिन समुदायों को आरक्षण का लाभ पहुंचाया जाएगा, पार्टी को उसका साथ मिलेगा. लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस ने बड़ा दांव चल दिया और अपने घोषणा पत्र में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर उसको 50 से 75 प्रतिशत करने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मुस्लिम आरक्षण भी बहाल करने का वादा किया. इससे कांग्रेस को मुस्लिमों के साथ दूसरे वर्गों का भी साथ मिल गया.