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हिमंत बिस्व सरमा बनेंगे असम के नए मुख्यमंत्री, आज मंत्रिमंडल के साथ लेंगे शपथ

पूर्वोत्तर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार और पार्टी के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा असम के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वह आज सीएम पद की शपथ लेंगे.

Updated on: 10 May 2021, 07:21 AM

highlights

  • हिमंत बिस्व सरमा बनेंगे असम के CM
  • आज मंत्रिमंडल के साथ लेंगे शपथ
  • दोपहर 12 बजे राज्यपाल दिलाएंगे शपथ

गुवाहाटी:

पूर्वोत्तर राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार और पार्टी के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्वा सरमा असम के अगले मुख्यमंत्री होंगे. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव और असम में 2016 के चुनावों में बीजेपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिमंत बिस्व सरमा आज दोपहर 12 बजे मंत्रिमंडल के साथ राजभवन में शपथ लेंगे. राज्यपाल जगदीश मुखी राजभवन में हिमंत बिस्वा सरमा को असम के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. जिसके बाद अन्य विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. हिमंत आज असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे.

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बीजेपी नेताओं ने कल सरकार बनाने का दावा पेश किया

इससे पहले रविवार शाम को हिमंत बिस्वा सरमा समेत पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी के अन्य नेताओं ने राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान बीजेपी के सहयोगी दल एजीपी, यूपीपीएल के नेता भी मौजूद रहे. बता दें कि असम में लगातार दूसरी बार भगवा पार्टी सत्ता में लौटी है. हालांकि रविवार दोपहर तक असम के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर लेकर बीजेपी में माथापच्ची होती रही. बाद में बीजेपी विधायक दल की बैठक में हिमंत बिस्व सरमा को नेता चुना गया.

सर्बानंद सोनोवाल ने बैठक में बढ़ाया सरमा का नाम

रविवार को हिमंत बिस्व सरमा के नाम की घोषणा करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सरमा का नाम बीजेपी के विधायक दल के नेता के रूप में प्रस्तावित किया और अन्य लोगों ने इसका समर्थन किया. तोमर के अलावा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा भी केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में शामिल हुए.

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कौन हैं हिमंत बिस्व सरमा?

बता दें कि 2001 से पांचवीं बार जलकुबरी विधानसभा सीट से चुने गए हिमंत बिस्व सरमा सोनोवाल सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री रहे. खास बात यह है कि वह पिछले 20 साल से असम की हर सरकार में मंत्री रहे. पहली बार विधानसभा पहुंचे हिमंत को तरुण गोगोई ने कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था. असम में हुए साल 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के पीछे हिमंत का बेहद अहम रोल था. इसके बाद साल 2014 में हिमंत की सीएम तरुण गोगोई से खटपट हुई जिसके बाद 21 जुलाई 2014 को हिमंत ने अपने सभी पदों से कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

हिमंत बिस्व सरमा तरुण गोगोई से नाराजगी के बाद  23 अगस्त 2015 को भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था. हिमंंत ने बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर पर उनसे मुलाकात की और वहीं पर बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया. इसके बाद बीजेपी ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव के लिए हिमंत को असम का संयोजक बना दिया. हिमंत ने भी इस मौके को पूरी तरह से भुनाया और अमित शाह की कसौटी पर खरा उतरते हुए असम में इतिहास रच दिया.  इस चुनाव में बीजेपी ने असम से तरुण गोगोई की सरकार को उखाड़ फेंका. यहां पर बीजेपी ने अकेले दम पर 60 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस पार्टी को महज 26 सीटों पर सिमटना पड़ा. बीजेपी की इस जीत में हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा योगदान माना गया.

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बीजेपी ने सोनोवाल के नेतृत्व में लड़ा चुनाव

हालांकि सर्बानंद सोनोवाल के चेहरे पर बीजेपी दोबारा असम में सरकार बनाने में संभव रही है. बीजेपी ने इस बार का विधानसभा चुनाव सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में ही लड़ा. 126 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 60 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की. जबकि उसके सहयोगी असोम गण परिषद (एजीपी) को 9 सीटें और नई सहयोगी युनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 6 सीटें हासिल कीं. सोनोवाल, असम के स्वदेशी सोनोवाल-कचारी जनजाति से ताल्लुक रखते हैं और सरमा, असमिया ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. वह कांग्रेस-विरोधी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के संयोजक हैं.