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Assam Election: कौन हैं हेमंत विश्व शर्मा जिनकी असम चुनाव में हो रही इतनी चर्चा

हेमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sharma) को खेलों में विशेष रूचि है. साल 2017 में उन्हें भारत के बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था. वह असम बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

Updated on: 11 Mar 2021, 03:57 PM

highlights

  • कांग्रेस से शुरू किया था राजनीतिक करियर
  • राहुल गांधी से नाराज होकर छोड़ दी थी कांग्रेस
  • बीजेपी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी

नई दिल्ली:

52 साल के हेमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sharma) का जन्म असम के जोराहाट में 01 फरवरी 1969 में हुआ था. राजनीति में प्रवेश करने से पहले वे कॉटन कॉलेज यूनियन सोसाइटी (CCUS) के महासचिव (GS) थे. साल 1996 से 2001 तक वे गौहती उच्च न्यायालय में भी लॉ प्रैक्टिस की थी. हेमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sharma) को खेलों में विशेष रूचि है. साल 2017 में उन्हें भारत के बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था. वह असम बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जून 2016 में उन्हें असम क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. साल 2002 से साल 2016 तक सेवा करने वाले एसोसिएशन के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

राजनीतिक करियर

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जोरहाट में पैदा हुए हेमंत बिस्‍व शर्मा ने कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. साल 2001 से 2015 तक जालुकबारी विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कांग्रेस का दबदबा कायम रखा. 15 साल तक वे इस सीट से विधायक रह चुके हैं. साल 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. इसके बावजूद कांग्रेस से उन्हें तवज्जो नहीं मिली. साल 2016 असम में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी. इस कामयाबी के पीछे सीएम सर्बानंद सोनोवाल के अलावा हेमंत बिस्वा सरमा का भी रोल था. दरअसल हेमंत उस वक्त कांग्रेस में थे, और चुनाव से पहले उन्होंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हर बार राहुल से मिलने से रोका गया. इसके बाद वे नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो गए.

कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि मैंने राहुल से 8-9 बार बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनने से ज्यादा अपने कुत्तों के साथ खेलना बेहतर समझा। अपने आसपास मौजूद लोगों की बात सुनने से ज्यादा वे कुत्तों के साथ खेलने में बिजी रहते हैं। वहीं तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनकी एक कॉल पर उनको मिलने के लिए समय दे दिया था. बीजेपी में हेमंत की एंट्री के साथ ही असम में पार्टी को दो मजबूत नेता मिले। एक सर्बानंद सोनोवाल, दूसरे हेमंत बिस्वा. सोनोवाल की अगुआई में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को असम में अच्छा रिस्पॉन्स मिला. तो  हेमंत के पार्टी में आने से असम में संगठन और मजबूत हो गया और बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था.

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जालुकबरी सीट से चुनाव लड़ेंगे हेमंत

असम विधानसभा चुनावों की तारीखों का जब से ऐलान हुआ है. रैलियों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी की ओर से पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेता राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. साल 2016 में, बीजेपी ने इतिहास रचा और 15 साल से सत्ता में काबिज कांग्रेस को शिकस्त देकर राज्य में पहली बार सरकार बनाई. पहली बार सत्ता में आने के बाद से बीजेपी अब किसी तरह को कोई जोखिम भरा कदम नहीं उठाना चाह रही है. इसलिए पार्टी बड़ा सोच समझकर अपने प्रत्याशियों को उतार रही है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल पिछली बार की तरह की माजुली से और हेमंत बिस्वा शर्मा जालुकबरी सीट से चुनाव लड़ेंगे.