पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत, जानिए 5 बड़े कारण

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम ( Punjab Assembly Election 2022 Result) की औपचारिक घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी ( Aam Admi Party) मुख्यालय दिल्ली और स्थानीय ऑफिस चंडीगढ़ में जश्न का माहौल है.

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Keshav Kumar
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आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान की बड़ी जीत( Photo Credit : News Nation)

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम ( Punjab Assembly Election 2022 Result) की औपचारिक घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी ( Aam Admi Party) मुख्यालय दिल्ली और स्थानीय ऑफिस चंडीगढ़ में जश्न का माहौल है. आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान ( Bhagwant Mann) के धुरी विधानसभा सीट से 38 हजार से ज्यादा वोटों से जीत के बाद उनके घर संगरूर में भी समर्थकों की भीड़ लगी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal) ने पंजाब में आप की जीत को इंकलाब बताया. उन्होंने भगवंत मान के साथ अपनी फोटो ट्वीट कर उन्हें बधाई दी.

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पार्टी समर्थकों ने नौ दिनों पहले ही होली मनाने की शुरुआत कर दी. इस बीच राजनीतिक जानकारों ने सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य पंजाब में आम आदमी पार्टी की दो तिहाई बहुमत के साथ जीत की वजहों को तलाशने की शुरुआत कर दी. इससे पहले बीते साल दिसंबर में चंडीगढ़ निगम चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने कमाल दिखाया था. इसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर भी उसकी उम्मीदें काफी बढ़ गई थी. पहली बार किसी पूर्ण राज्य में सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी की पंजाब में सफलता के पांच कारणों के बारे में जानते हैं.

भगवंत मान का जाना- पहचाना चेहरा

पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछली बार की तरह इस बार पंजाब में बिना सीएम फेस उतरने का रिस्क नहीं लिया. चंडीगढ़ नगर निगम जीत के बाद ही उन्होंने सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. साथ ही सूबे में उनके नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी. 80-90 के दशक से ही पंजाब और उसके आस पास भगवंत मान कॉमेडी का पर्याय माने जाते थे. लोग उनकी अदाकारी के दीवाने रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने  भगवंत मान को एक सर्वे के आधार पर पार्टी का सीएम चेहरा घोषित कर दिया. भगवंत मान सांसद होने और इक्का-दुक्का विवादों में आने की वजह से मीडिया में भी चर्चित रहे हैं. इससे पार्टी को चुनाव में काफी फायदा मिला. 

अरविंद केजरीवाल का फ्री वाला मॉडल

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पंजाब चुनाव में अरविंद केजरीवाल के फ्री वाले मॉडल पर मुहर लगी. आम आदमी पार्टी ने पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया. फ्री शिक्षा समेत कई तरह के वादे किए हुए हैं. अनुसूचित जाति के बच्चों के ध्यान रखने का वादा किया. हर महिला को प्रतिमाह एक हजार रुपये देने की घोषणा की गई. दवाइयां और सभी टेस्ट समेत इलाज मुफ्त करने के वादे के साथ ही हर व्यक्ति को हेल्थ कार्ड देने का वादा किया गया.  रोड एक्सीडेंट होने पर फ्री में पूरा इलाज सरकार करवाएगी. केजरीवाल दिल्ली में ऐसे वादे करके उसको जमीन पर उतारते हुए दिख चुके हैं. इसलिए फ्री वाला मॉडल पंजाब में लोगों को अपील करने में कामयाब हो पाई.

पंजाब में 4 कॉर्नर चुनाव होने से फायदा

पंजाब में 1997 के विधानसभा चुनाव में पंजाब के 20 प्रतिशत वोट निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गए थे. पंजाब में साल 2014 में आम आदमी पार्टी सक्रिय हुई. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में दोकोणीय चुनाव त्रिकोणीय हो गया. इस तरह निर्दलीयों का वोट आप की तरफ खिसक गया. साल 2022 में पंजाब में 4 कॉर्नर चुनाव होने की वजह से भी आम आदमी पार्टी को काफी वोट मिल गया. विरोधी वोट कई पार्टियों में बंटने से उसका रास्ता आसान हो गया. 
  
केजरीवाल पर आरोपों से बढ़ी सहानुभूति

आम आदमी पार्टी के साथ कोई बड़ा विवाद या घोटाला नहीं जुड़ा है. साल 2017 में पंजाब चुनाव में एक तथाकथित आतंकी के घर अरविंद केजरीवाल के रुकने से हिंदू वोट बैंक के आप से छिटकने की बात कही गई थी. राजनीतिक जानकारों के अनुसार इससे आप को काफी नुकसान हो गया था. साल 2022 में आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर अलगाववादियों के समर्थक होने का आरोप लगाया था. इस बार आरोप की चर्चा ने केजरीवाल को लेकर पंजाब में सहानुभूति पैदा कर दी. लोगों ने इस आरोप की टाइमिंग को लेकर शक जताया और इसे केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश समझा.

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कमजोर गठबंधनों के सामने नया विकल्प

पंजाब में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले हमेशा कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल में आमने-सामने की टक्कर होती रही है. आम आदमी पार्टी के चुनावी मैदान में आने को बदलाव की बयार की तरह देखा गया. साल 2021 में शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन टूटने से भी आप को पैर जमाने का मौका मिला. साथ ही कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह-नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी विवाद से लोगों में पैदा हुई निराशा को भी आम आदमी पार्टी ने भुनाया. लोगों को एक नया विकल्प मिला और आप सत्ता में शामिल हो सकी.

HIGHLIGHTS

  • अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में आप की जीत को इंकलाब बताया
  • चंडीगढ़ निगम चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने कमाल दिखाया था
  • पंजाब चुनाव में अरविंद केजरीवाल के फ्री वाले मॉडल पर भी मुहर
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